फर्रुखाबाद : जिले में गंगा नदी के पांचाल घाट तट पर मकर संक्रांति के पर्व पर बड़ा मेला लगता है. इसे मेला रामनगरिया के नाम से जानते हैं. मकर संक्रांति के स्नान के बाद शुक्रवार से मेला रामनगरिया की शुरूआत हो गई है. फर्रुखाबाद में लगने वाले मेले में प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु आकर पूजा-पाठ और कल्पवास करते हैं.
मेला रामनगरिया में मकर संक्रांति के पर्व के साथ कल्पवासियों का आना शुरू हो गया है. कल्पवासियों के आने का यह क्रम 17 जनवरी को होने वाले पौष पूर्णिमा तक जारी रहेगा. यह मेला प्रतिवर्ष लगभग 40 दिनों तक चलता है.
गंगा नदी के पांचाल घाट पर लगने वाला यह मेला इस बार लगभग 4 किलोमीटर की परिधि में लगा है. सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस प्रशासन ने मेला क्षेत्र को 3 हिस्सों में बांटा है. मेला रामनगरिया क्षेत्र में किसी भी घटना से निपटने के लिए चप्पे-चप्पे पर पुलिस का पहरा लगाया गया है.
मेला क्षेत्र में सुरक्षा के लिए करीब 50 दरोगा, 200 सिपाही, 40 महिला पुलिसकर्मी, 4 यातायात दारोगा, 15 हेड कांस्टेबल, एक बम निरोधक दस्ता की टीम, 2 दमकल वाहन, एक कंपनी पीएसी एवं जल पुलिस की एक टीम तैनात की गई है. इसके अलावा जगह-जगह सीसीटीवी लगाए गए हैं. मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को कोरोना गाइडलाइन का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं.
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श्रद्धालुओं को दूर से खींच लाता है भुने आलू का स्वाद
फर्रुखाबाद में लगने वाले मेला रामनगरिया में बालू में भुने हुए आलू लोगों को खूब लुभाते हैं. मेला में मिलने वाले बालू में भुने आलू काफी चर्चित हैं. दूरस्त स्थानों से मेले में आने वाले श्रद्धालु भुने आलू का स्वाद लिए बिना नहीं जाते हैं. मेले में आने वाले श्रद्धालु भुने हुए आलू के साथ टेस्टी मसाले और हरा धनिया, टमाटर, मिर्च, लहसुन से बनी चटनी के साथ स्वाद लिए बिना अपना सफर अधूरा महशूस करते हैं.
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