फर्रुखाबाद: जिला जेल अधीक्षक भीमसेन मुकुंद ने इंवेस्टर्स के माध्यम से जिला जेल में बंद बंदियों के रोजगार को लेकर एक पहल की है. बंदियों को प्रधानमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत प्रशिक्षण के बाद रोजगार देने के उद्देश्य से जिले के उद्योगपतियों को बुधवार को बुलाकर जेल से छपाई कराने, एलईडी बल्ब और अन्य चीजों को बनवाने का प्रस्ताव रखा. वहीं, व्यापारियों ने कहा कि यह बहुत अच्छी पहल है. ब्लॉक प्रिंट फर्रुखाबाद का 300 वर्ष पुराना काम है. केंद्र सरकार ने इसको जीआईबी प्रदान किया हुआ है और सीएम योगी ने ओडीएफबी भी किया है.
गौतमबुध डेवलपमेंट सोसाइटी के प्रबंधक हिमांशु शाह ने जेल में बंदियों द्वारा बनाए जा रहे एलईडी बल्ब, छपाई, सिलाई और हस्तशिल्प चीजों को देखा. इसके बाद उद्योगपतियों ने बंदियों से ही काम कराने का आश्वासन दिया. हिमांशु शाह ने कहा कि वे लोग जो अपने कारखानों में जिन चीजों को बनवाते हैं, उससे अच्छा काम बंदी जेल में कर रहे हैं. इससे उन लोगों को भी अच्छे आर्डर मिलेंगे और माल की डिमांड बढ़ेगी. इसके साथ ही जेल में बंद बंदियों को भी रोजगार मिलेगा. जेल से छूटने के बाद एक अच्छा जीवन यापन करने का साधन भी उनके पास होगा. उद्योगपतियों में प्रमुख रूप से शिवरतन, राजकुमार गौतम, हुकुम सिंह, रोहित गोयल आदि लोग रहे.
व्यापारियों ने कहा कि पूर्व में यहां पर ब्लॉक प्रिंट का बहुत ज्यादा काम होता था. लेकिन, धीरे-धीरे यहां उद्योग ज्यादा बढ़ा तो यहां के व्यापारी स्क्रीन प्रिंट पर आ गए. इस कारण यहां के ब्लॉक प्रिंट के कारीगर पलायन कर गए. लेकिन, इस पहल से कारीगर वापस आ रहे हैं. जिले में जो भी ब्लॉक प्रिंट के प्रोजेक्ट बनेंगे चाहे वह साड़ी हो, सूट हो, परदा हो, बेडशीट आदि वह प्रिंट कराते ही हैं. जेल के माध्यम से यह फायदा होगा कि समय से प्रोजेक्ट बनकर मिलेगा और रेट भी कम रहेंगे. व्यापारियों ने कहा कि वे पूरा सहयोग करेंगे. उनके पास खपत है. उन्हें तो प्रिंट कराना ही कराना है. उनके पास लोकल में अभी कारीगर नहीं हैं. लेकिन, जेल के माध्यम से बहुत अच्छा सपोर्ट मिला है. आगे चलकर भी उनका काम जेल के माध्यम से बहुत अच्छा चलेगा.
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