फर्रुखाबाद : जिले में बेसिक शिक्षा विभाग की लापरवाही के चलते करीब चार माह से जनता राष्ट्रीय इंटर कॉलेज में मिड-डे मील कन्वर्जन कास्ट में हुए चार लाख के घोटाले की जांच अधर में लटकी है. बीएसए ने नगर शिक्षाधिकारी को जांच कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए थे लेकिन जांच की फाइल ही ठंडे बस्ते में डाल दी गई.
समय निकलने के साथ जांच भी लटकती गई
इस मामले में जैसे-जैसे समय निकल रहा है, वैसे-वैसे ही जांच अधर में लटकती जा रही है. वहीं, शिक्षा विभाग भी लापरवाह बना हुआ है. दरअसल, 14 दिसंबर को एमडीएम प्रभारी ने जनता राष्ट्रीय इंटर कॉलेज का निरीक्षण किया. उन्हें जानकारी हुई कि छात्रों को कोविड-19 की कन्वर्जन कास्ट नहीं दी गई है.
प्रधानाचार्य ने अवगत कराया कि एमडीएम की कोई भी धनराशि खाते में आई ही नहीं. एमडीएम प्रभारी ने गहनता से जांच की तो काफी अनियमितता पाई गईं. इस पर उन्होंने प्रधानाचार्य के खिलाफ कार्रवाई के लिए डीआइओएस व बीएसए को लिखा था.
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बीएसए ने नगर शिक्षाधिकारी को सौंपी थी जांच
बीएसए ने भी नगर शिक्षाधिकारी को जांच सौंपकर कार्रवाई के निर्देश दिए थे. करीब चार माह होने को हैं लेकिन जांच के नाम पर इस मामले में कुछ नहीं हो रहा. विभागीय अधिकारी इस मामले को दबाए बैठे हैं. बताया जा रहा है कि साठगांठ के चलते विभागीय अधिकारी जांच करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं.
एमडीएम प्रभारी वेगीश गोयल ने बताया कि निरीक्षण के दौरान एमडीएम कन्वर्जन कास्ट में चार लाख रुपये की गड़बड़ी मिली थी. नगर शिक्षाधिकारी ने जांच करने से हाथ खड़े कर दिए तो डीआइओएस को जांच सौंप दी गई. अभी तक उन्होंने जांच रिपोर्ट नहीं दी है.
विभाग ने अब तक नहीं दी कोई भी रिपोर्ट
वहीं, डीआइओएस डॉ. आदर्श त्रिपाठी ने बताया कि उन्होंने बीएसए को पत्र भेजकर सूचना मांगी थी कि जनता राष्ट्रीय इंटर कॉलेज में कितने छात्र पंजीकृत हैं. कोविड-19 के दौरान कन्वर्जन कास्ट की कितनी धनराशि दी गई. विभाग ने कोई भी रिपोर्ट अब तक नहीं दी है. कहा कि दोबोरा पत्र भेजेंगे.