फर्रुखाबादः एक बालिका के जीवन में आने वाली चुनौती और परेशानियों के बारे में सभी को जागरुक करने के लिए अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस हर साल 11 अक्टूबर को मनाया जाता है. वहीं, फार्रुखाबाद जिले में निकेता, अमिता, सिमरन, मुस्कान, प्रज्ञा, दीक्षा न जाने ऐसी कितनी बालिकाएं हैं, जो अपने क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छू रहीं हैं.
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जैसे अभियान कन्या भ्रूण हत्या, लड़कियों के शिक्षा के अधिकार जैसे मुद्दों को संबोधित करते हैं. सरकार का भी यही उद्देश्य है कि पढ़े बेटी बढ़े बेटी, बेटी नहीं तो आगे आने वाली पीढ़ी कहां से लाओगे. आज के युग में लड़कियां केवल शिक्षा तक ही सीमित नहीं हैं. खेल और अन्य शारीरिक गतिविधियों में भी वे अपने पैरों के निशान को चिह्नित कर रही हैं.
बालिकाएं किसी से कम नहीं इनकी भावनाओं को समझें, कुचले नहीं. विभिन्न स्तरों पर किए गए सभी उपायों के बावजूद, पुरुष प्रधान समाज में लोगों की सोच को बदलने की जरूरत है. जहां बेटे की शिक्षा को अधिक महत्वपूर्ण दिया जाता है और लड़कियां हमेशा घरेलू कामों के लिए पहली पसंद होती हैं. भारत में लड़कियों की शिक्षा नई ऊंचाइयों को छुएगी.
भोलेपुर की रहने वाली सिमरन कनौजिया अभी बीएससी कर रहीं हैं. इसके साथ ही ताइक्वांडो भी सीख रही हैं. इनके पिता विक्रम प्राइवेट नौकरी करते हैं. इन्होंने ताइक्वांडो में दो बार गोल्ड मेडल हासिल किया है. एक बार 2019 में स्टेट चैंपियनसिप में तो दूसरी बार 2022 में इंटर यूनिवर्सिटी चैंपियनसिप में गोल्ड मेडल मिला है. सिमरन को 2020 राज्यपाल आनंदी बेन पटेल द्वारा सम्मानित किया जा चुका है. इसके साथ ही सिमरन राष्ट्रीय स्तर पर ताइक्वांडो प्रतियोगिता में भाग ले चुकी हैं. सिमरन की बहन रौनक कनौजिया ने अगस्त 2022 में लखनऊ ओपन यूपी स्टेट ताइक्वांडो चैंपियनसिप में भाग लिया. इनको सिल्वर मेडल मिला था. वहीं, भोलेपुर की रहने वाली निकेता दुबे ने अगस्त 2022 में हुई फर्स्ट सेंट्रल जोन ताइक्वांडो प्रतियोगिता में सिल्वर मेडल प्राप्त किया है.
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