फर्रुखाबाद: जनपद विकास और विस्तार के नाम पर अछूता नजर आ रहा है. यहां सुरक्षा मानकों की अनदेखी कर अवैध निजी अस्पतालों का संचालन किया जा रहा है, जो कि मरीजों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ करना है. लेकिन अब बिना डिग्री और पंजीकरण की दुकानें सजाए डॉक्टरों पर शिकंजा कसने के लिए प्रदेश सरकार ने कमर कस ली है. जिले में करीब 152 पंजीकृत अस्पताल है. लेकिन इसके उलट लगभग 250 से अधिक अवैध ढंग से निजी अस्पतालों का संचालन किया जा रहा है. इनके संचालन में सुरक्षा मानकों का पालन नहीं हो रहा है. शहर में मसेनी, आवास विकास, लकूला बाग जैसे कई इलाकों में बड़ी सी जगह छोटी इमारतों में कई निजी अस्पताल चल रहे हैं. इतना ही नहीं अधिकांश अस्पताल बिना अग्निशमन सुरक्षा उपकरण, आपातकालीन बाहर निकलने का रास्ता, सही इलाज समेत अन्य कमियां होने के बावजूद खुल रहे हैं. डिप्टी सीएम बृजेश पाठक का कहना है कि इस मामले में सख्स से सख्त कार्रवाई की जाएगी.
दरअसल, फर्रुखाबाद में बड़े पैमाने पर कई ऐसे अस्पताल है, जो कि बिना डिग्री प्राप्त किए डॉक्टरों के भरोसे पर है, जहां डॉक्टर अपने निजी स्वार्थ के लिए मरीजों की जान की परवाह नहीं करते. इलाज के नाम पर भारी भरकम रकम वसूलते है. जी हां बीते दिन गुरुवार को शहर कोतवाली क्षेत्र के आवास विकास कॉलोनी की एक पार्क में मानव का पैर कटा पड़ा मिलने से इलाके में हड़कंप मच गया था. पार्क के आसपास प्राइवेट अस्पताल भी है. लेकिन सभी ने मानव पैर को लेकर इंकार कर दिया था. सूचना मिलने पर मौके पर पुलिस पहुंची जांच पड़ताल की थी. पुलिस ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज निकाल कर मामले की जांच की जा रही थी. इसमें एक कुत्ता कहीं से मानव पैर लेकर आता हुआ दिखाई दे रहा है.
वहीं, जब ईटीवी भारत ने यह खबर को प्रमुखता से चलाई तो डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने इसका संज्ञान लिया और सीएमओ को कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. उपमुख्यमंत्री ने टि्वटर हैंडल से जानकारी दी है. डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने उन सभी निजी अस्पतालों के खिलाफ अभियान चलाने का मन बनाया है, जो निजी अस्पतालों की आड़ में गोरखधंधे कर रहे हैं. झोलाछाप डॉक्टर पर भी लगाम लगाने के लिए के लगातार जिले में निरीक्षण का दौर जारी है. अधिकारियों और कर्मचारियों को दिशा निर्देश जारी किए है कि इन सभी निजी अस्पतालों और झोलाछाप डॉक्टरों की जांच की जाए.
इस संबंध में सीएमओ अवनींद्र कुमार ने बताया कि जिले में 152 पंजीकृत क्लीनिक और अस्पताल है. अवैध की संख्या की कोई जानकारी नहीं है. जिसमें कि 142 को हमने नोटिस जारी किया था. उनके खिलाफ कार्रवाई भी की गई थी, जो भी अवैध नर्सिंग होम और क्लीनिक चल रहे हैं. उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. समय-समय पर एक्शन लिया जाता रहेगा. उन्होंने बताया कि नए नर्सिंग होम औक क्लीनिक खुल जाते हैं. उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है.
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