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दहेज हत्या मामले में पति और सास को आजीवन कारावास

दहेज हत्या मामले में फर्रुखाबाद के न्यायाधीश चवन प्रकाश ने पति और सास को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास और 10-10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. इस मामले में कोर्ट ने मां-बेटे को गैर इरादतन हत्या का दोषी माना है.

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Published : Feb 19, 2021, 1:44 PM IST

फर्रुखाबादः दहेज में सोने की चेन और अन्य सामान न मिलने पर 7 वर्ष पूर्व महिला की केरोसिन से जलाकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में मायके वालों ने पति सहित सात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. फर्रुखाबाद न्यायाधीश चवन प्रकाश ने महिला के पति और सास को हत्या का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास और 10-10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है.

महिला की 2011 में हुई थी शादी
फतेहगढ़ कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला बंधोया निवासी शांति देवी ने 8 अगस्त 2013 को कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इसमें कहा था कि उन्होंने अपनी पुत्री कंचन की शादी फतेहगढ़ कोतवाली के मोहल्ला नेकपुर चौरासी प्रदीप के साथ 17 जून 2011 को की थी. शादी के बाद पुत्री से पति प्रदीप कुमार, सास शारदा देवी, जेठ राजीव कुमार उर्फ राजू, जेठानी प्रवेश कुमारी और अन्य परिजन दहेज में सोने की चेन और अन्य सामान की मांग करने लगे.

यह भी पढ़ेंः- बंदर के कूदते ही गिरा प्राथमिक विद्यालय का रसोईघर, हादसा टला

यह था आरोप
आरोप था कि 3 अगस्त 2013 की शाम आरोपितों ने पुत्री के ऊपर केरोसिन डालकर आग लगा दी, जिससे वह गंभीर रूप से झुलस गई. उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया. कानपुर के अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी. मुकदमे की सुनवाई जिला सत्र एवं न्यायाधीश के न्यायालय में हुई. जिला शासकीय अधिवक्ता सुदेश प्रताप सिंह और बचाव पक्ष की दलीलें सुनने तथा पत्रावली पर मौजूद साक्ष्यों का अवलोकन करने के बाद फर्रुखाबाद न्यायाधीश ने गैर इरादतन हत्या की धारा को तरमीम करते हुए महिला के पति प्रदीप कुमार और सास को हत्या में दोषी करार दिया.

फर्रुखाबादः दहेज में सोने की चेन और अन्य सामान न मिलने पर 7 वर्ष पूर्व महिला की केरोसिन से जलाकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में मायके वालों ने पति सहित सात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. फर्रुखाबाद न्यायाधीश चवन प्रकाश ने महिला के पति और सास को हत्या का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास और 10-10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है.

महिला की 2011 में हुई थी शादी
फतेहगढ़ कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला बंधोया निवासी शांति देवी ने 8 अगस्त 2013 को कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इसमें कहा था कि उन्होंने अपनी पुत्री कंचन की शादी फतेहगढ़ कोतवाली के मोहल्ला नेकपुर चौरासी प्रदीप के साथ 17 जून 2011 को की थी. शादी के बाद पुत्री से पति प्रदीप कुमार, सास शारदा देवी, जेठ राजीव कुमार उर्फ राजू, जेठानी प्रवेश कुमारी और अन्य परिजन दहेज में सोने की चेन और अन्य सामान की मांग करने लगे.

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यह था आरोप
आरोप था कि 3 अगस्त 2013 की शाम आरोपितों ने पुत्री के ऊपर केरोसिन डालकर आग लगा दी, जिससे वह गंभीर रूप से झुलस गई. उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया. कानपुर के अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी. मुकदमे की सुनवाई जिला सत्र एवं न्यायाधीश के न्यायालय में हुई. जिला शासकीय अधिवक्ता सुदेश प्रताप सिंह और बचाव पक्ष की दलीलें सुनने तथा पत्रावली पर मौजूद साक्ष्यों का अवलोकन करने के बाद फर्रुखाबाद न्यायाधीश ने गैर इरादतन हत्या की धारा को तरमीम करते हुए महिला के पति प्रदीप कुमार और सास को हत्या में दोषी करार दिया.

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