फर्रुखाबाद: जिले में गंगा का जलस्तर (Ganga water level in Farrukhabad) लगातार बढ़ रहा है. जिससे तटवर्ती गांव के बाशिंदों की धड़कने बढ़ गई हैं. पांचाल घाट पर स्नान के लिए बनाए गए घाट भी डूब गए है. गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु के करीब पहुंच गया है. बाढ़ से प्रभावित होने वाले करीब 322 गांवों को चिह्नित कर लिया गया है.
गंगा का जलस्तर 24 घंटो में 2 फीट से बढ़कर 136.45 मीटर पर पहुंच गया है. जबकि गंगा का चेतावनी बिंदु 136.60 मीटर दर्ज है. नरौरा बांध से गंगा में 87,492 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. जिससे गंगा का जलस्तर और बढ़ने की आशंका बढ़ गई है. बाढ़ से बचने के लिए शरणालय बनाने के साथ ही 52 बाढ़ चौकियों के लिए जगह चिह्नित की गई हैं. बाढ़ में फंसने वाले ग्रामीणों को राहत सामग्री पहुंचाने के लिए फर्म भी नामित हो गई है.
फर्रुखाबाद प्रशासन ने बाढ़ आने से पहले ही बचाव के लिए तैयारियां लगभग पूरी कर ली हैं. बाढ़ से प्रभावित होने वाले करीब 322 गांवों को चिह्नित कर लिया गया है. इनमें 133 गांव लो-फ्लड, 112 गांव मीडियम फ्लड और 77 गांवों को हाई फ्लड की श्रेणी में रखा गया है. अमृतपुर तहसील क्षेत्र में 177 गांव के प्रभावित होने की आशंका है. इनमें 54 गांव हाई फ्लड में रखे गए हैं. वहीं तहसील कायमगंज के बाढ़ से प्रभावित होने वाले 113 गांव में 22 और तहसील सदर के 37 में से एक गांव को पूरी तरह बाढ़ से प्रभावित होने की श्रेणी में चिह्नित किए गए हैं.
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बाढ़ के दौरान पीड़ित ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए जनपद में 24 शरणालय बनाए गए हैं. बाढ़ प्रभावित क्षेत्र और गांवों की निगरानी के लिए 52 बाढ़ चौकियां चिह्नित कर इन पर कर्मचारियों की तैनाती कर दी गई है. बाढ़ पीड़ितों के आवागमन के लिए 113 नाव सुरक्षित करने के साथ नाविक भी नामित कर दिए गए हैं. इस बीच बचाव कार्य के लिए गोताखोर भी तैयार रहेंगे.
अपर जिलाधिकारी सुभाष चंद्र प्रजापति ने बताया कि बाढ़ ग्रस्त गांवों के लिए प्रशासन ने पूर्ण तैयारी कर ली है. जानवरों से लेकर स्थानीय निवासियों को किसी प्रकार की कोई दिक्कत ना आए, इसके लिए प्रशासन मुस्तैद रहेगा. हर संभव सुविधा देने की प्रशासन की तैयारी है.
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