फर्रुखाबाद: प्रदेश सरकार ने अवैध कब्जे और भूमाफिया के खिलाफ अभियान चलाने का निर्देश दिया है. जिसके अंतर्गत डीएम के आदेश पर फर्जी अभिलेखों से अपने नाम जमीन दर्ज कराने के मामले में दो भूमाफिया के खिलाफ कार्रवाई की गई है. इसके अलावा दो सहयोगी लेखपालों को भी निलंबित कर दिया गया है. इस कार्रवाई के बाद जनपद में हड़कंप मच गया है.
जनपद में फर्जी चकबंदी के आदेशों के आधार पर राजस्व अभिलेखों में दर्ज कर सरकारी भूमि पर कब्जे का भूमाफिया का रैकेट काफी दिनों से चल रहा है. विगत दो सप्ताह में एसडीएम व बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी की संयुक्त जांच से ऐसे लगभग आधा दर्जन मामले सामने आ चुके हैं. इसी क्रम में एसओसी व एसडीएम की रिपोर्ट के अनुसार गांव तेरा परगना में रामशंकर यादव निवासी ग्राम रोहिला के नाम चकबंदी आदेशों के फर्जी होने की पुष्टि हो गई है. डीएम मानवेंद्र सिंह ने कूटरचना कर 9 एकड़ जमीन को अपने नाम दर्ज कराने पर राम शंकर यादव के खिलाफ भूमाफिया की कार्रवाई की है. इस 54 लाख 65 हजार की भूमि के अभिलेखों में हेरफेर करने वाले सहयोगी लेखपाल जाहार सिंह व बालकराम को भी निलंबित कर दिया गया है.
वहीं दूसरे मामले में जिलाधिकारी के आदेश पर कायमगंज के लेखपाल गिरंद सिंह ने भूमाफिया खुशनवास खां के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. रिपोर्ट के मुताबिक, गांव रायपुर की अमीर बानो व युसूफ अली खान की लगभग साढे 8 एकड़ जमीन गांव बहलोलपुर में थी. देश विभाजन के समय यह लोग पाकिस्तान चले गए थे, इसलिए इनकी यह भूमि शत्रु संपत्ति घोषित होनी थी, लेकिन कायमगंज के मोहल्ला पृथ्वी दरवाजा निवासी खुश नवाज खां ने फर्जी वसीयत से उस भूमि को अपने नाम दर्ज करा लिया. एसडीएम कोर्ट से फर्जी अभिलेख के आधार पर दर्ज आदेश को निरस्त कर पूर्व खातेदारों के नाम दर्ज करने का आदेश जारी हुआ था. इसके बाद खुश नवाज खां को भूमाफिया घोषित कर उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी गई है.
डीएम ने कहा कि फर्जी अभिलेखों के आधार पर जमीन पर कब्जा करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ भूमाफिया की कार्रवाई की गई है. इसके अलावा उनके सहयोगी लेखपालों को तत्काल निलंबित कर विभागीय कार्रवाई के निर्देश उपजिलाधिकारी सदर को दिया गया है.