फर्रुखाबाद: बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की विशेष रूप से पूजा की जाती है. साथ ही इस दिन पीले रंग का विशेष महत्व होता है. बसंत पंचमी पर लोग पीले रंग के कपड़े पहनते हैं, पतंग उड़ाते हैं और मीठे पीले रंग के चावल का सेवन भी करते हैं. वहीं दुकानों पर रंग बिरंगी पतंग भी सज गई है. इस बार कार्टून, फिल्मी कलाकारों, बरेली की पतंग के साथ वैलेंटाइन पतंगों की अधिक डिमांड है.
पतंगबाजी को लेकर बच्चों में खासा उत्साह देखने को मिलता है और फर्रुखाबाद में बसंत पंचमी का त्योहार 3 दिन तक मनाया जाता है. आज के दिन पतंग उड़ाने का खुमार लोगों के सिर चढ़कर बोलता है. इस बार बाजार में कई अलग-अलग तरह की पतंगे देखने को मिल रही है. बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक को डिज़ाईनर पतंगें काफी लुभा रही है. एक पतंग की दुकान के मालिक ने बताया कि इस बार पिछले साल की अपेक्षा अच्छी दुकानदारी हो रही है. लोगों में पतंगबाजी को लेकर पहले जैसा ही जोश देखने को मिल रहा है.
बसंत ऋतु का स्वागत करने के लिए माघ महीने के पांचवें दिन एक बड़ा जश्न मनाया जाता है, जिसमें विष्णु और कामदेव की पूजा होती है. यह बसंत पंचमी का त्यौहार कहलाता है. शास्त्रों में वसंत पंचमी को ऋषि पंचमी से उल्लेखित किया गया है. पुराणों-शास्त्रों और अनेक काव्य ग्रंथों में भी अलग-अलग ढंग से इसका चित्रण देखने को मिलता है.
इसके अलावा चाइनीज डोर पर स्थानीय प्रशासन द्वारा प्रतिबंध लगाया गया है. ऐसे में इस बार स्थानीय डोर के साथ ही पतंगों को बेच रहे हैं.