फर्रुखाबाद : जिले के लोहिया अस्पताल के आवासीय भवनों की हालत खराब है. यहां रह रहे कर्मचारियों को हमेशा हादसे का डर सताता रहता है. 9 जनवरी को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से इस समस्या काे उठाया था. इस दौरान अधिकारी व कर्मचारियों ने खुलकर अपनी परेशानियाें काे साझा किया था. इस पर स्वास्थय महकमे ने संज्ञान लिया है. सीएमएस राजकुमार गुप्ता ने जर्जर भवनों का सुंदरीकरण करवाना शुरू कर दिया है. सरकार की ओर से बजट भी प्राप्त हो गया है.
लोहिया अस्पताल के आवासीय भवनाें में रह रहे कर्मियाें ने बताया था कि ज्यादातर बिल्डिंग जर्जर हैं. ये कभी भी गिर सकती हैं. अधिकारी कभी जर्जर भवन देखने नहीं आते हैं. एक बार डिप्टी सीएम बृजेश पाठक का दौरा हुआ था. वह भी लोहिया अस्पताल से लौट गए थे. आवासीय भवनाें की ओर नहीं आए थे. कई बार अधिकारियाें काे लिखित में शिकायत की जा चुकी थी. इसके बावजूद किसी ने ध्यान नहीं दिया. इससे हमेशा हादसे का डर सताता रहता है.
कर्मियाें का कहना था कि भवनों के कमरे की छत से प्लास्टर टूटकर नीचे गिरता रहता है. बारिश हाेने पर हालत और खराब हाे जाती है. कमराें के अंदर सीलन बना रहता है. सीएमएस राजकुमार गुप्ता ने बताया कि हमारे यहां क्लास वन से लेकर क्लास फोर्थ तक 158 आवास निर्मित हैं. इनके निर्माण के लगभग 27 साल पूरे हो चुके हैं. इनकी वार्षिक रिपेयरिंग होती रहती है. लगभग सभी कर्मचारियों को आवास अलॉट हैं. कुछ भवनों की स्थिति काफी खराब है. इसके लिए हमारे डिपार्टमेंट AE और JE के द्वारा स्टीमेट बनाया गया था. यहां 6 ब्लॉक हैं. ब्लॉक वाइज इस्टीमेट बनाकर इनकी रिपेयरिंग कराई जाएगी.
सीएमएस ने बताया कि ब्लॉक वाई में एक साइड से भवनों की वार्षिक रिपेयरिंग का काम शुरू हाे चुका है. यदि कोई भवन तोड़ने की अवस्था में है ताे उसका फिर से निरीक्षण करेंगे. अगर किसी कर्मचारी का भवन ज्यादा ही जर्जर है ताे वह मुझे अवगत कराएं. उन्हें सही भवनाें में स्थानांतरित किया जाएगा. उन्होंने बताया कि सरकार की तरफ से कुछ बजट प्राप्त हुआ है.
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