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लापरवाही: किधर है ध्यान, नगर पालिका के मालखाने में कंडम हो रहा सामान

फर्रुखाबाद नगर पालिका प्रशासन की लापरवाही के कारण पोकलैंड मशीन व ट्रैक्टर-ट्रॉली व अन्य सामान मरम्मत के अभाव धूल फांक रहे हैं. नगर पालिका की लापरवाही के कारण आज यह मशीन खराब होने की स्थिति में हैं.

नगर पालिका के मालखाने में कंडम हो रहा सामान
नगर पालिका के मालखाने में कंडम हो रहा सामान
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Published : Jun 14, 2021, 5:03 AM IST

फर्रुखाबाद: जिले में नगर पालिका में दो साल पहले 'स्वच्छ भारत मिशन' के तहत कुछ सामानों की खरीद हुई थी. नगर पालिका के स्टोर में दो साल से सैकड़ों हाथ गाड़ी, उनके पहिए, कूड़ेदान व अन्य उपकरण खुले आसमान के नीचे धूल फांक रहे हैं. पोकलैंड मशीन व ट्रैक्टर-ट्रॉली व अन्य सामान मरम्मत के अभाव में कंडम हो रहे हैं. वहीं नगरपालिका ईओ रविंद्र कुमार ने स्वीकारा कि यह हमारे पूर्व अधिकारियों की कमियां रही हैं, जिसकी वजह से वाहन उपकरण कंडम हो रहे हैं.

दरअसल, नगर पालिका परिषद ने पिछले तीन वर्षों में 'स्वच्छ भारत मिशन' की धनराशि पांच करोड़ से अधिक के वाहन व उपकरण खरीदे हैं. इसमें कई वाहन तो ऐसे हैं जो अभी तक सड़क पर उतरे ही नहीं और महीनों से खड़े हैं. दो साल पहले मंगाई गई हाथ गाड़ी, रिक्शा, कूड़ेदान आदि का उपयोग तक नहीं हुआ. हाथ गाड़ियों के पहिए उठाकर बच्चे स्टोर में ही खेलते हैं.

खुले आसमान के नीचे पड़े होने के कारण बारिश का पानी पड़ने से उनमें जंग लग जा रही है. कई छोटे-बड़े ट्रैक्टर खराब हैं. उनके टायर खोल लिए गए हैं. हकीकत यह है कि नगर पालिका का जोर नए वाहनों को खरीदने पर रहता है. खराब होने वाले वाहनों की मरम्मत समय से नहीं कराई जाती है और धीरे-धीरे वह कंडम हो जाते हैं.

इस भी पढ़ें:- सरकार...'100 शैय्या' पर लेटा है अस्पताल, बस 'नाम' पर रुका इलाज

वहीं नगर पालिका ईओ रविंद्र कुमार ने स्वीकारा कि रख-रखाव की व्यवस्था यहां पर ठीक नहीं है. वाहनों को रखने के लिए जो स्टोर होना चाहिए जो उनकी मरम्मत के लिए वर्कशॉप होना चाहिए या धूप, छांव या बरसात से बचाव के लिए जो सेट का निर्माण होना चाहिए, वह यहां पर नहीं हुआ है और इसी वजह से वाहन व उपकरण हमारे कंडम की स्थिति में पहुंच गए हैं. उन्होंने बताया कि यह हमारे पूर्व अधिकारियों की कमियां रही हैं.

फर्रुखाबाद: जिले में नगर पालिका में दो साल पहले 'स्वच्छ भारत मिशन' के तहत कुछ सामानों की खरीद हुई थी. नगर पालिका के स्टोर में दो साल से सैकड़ों हाथ गाड़ी, उनके पहिए, कूड़ेदान व अन्य उपकरण खुले आसमान के नीचे धूल फांक रहे हैं. पोकलैंड मशीन व ट्रैक्टर-ट्रॉली व अन्य सामान मरम्मत के अभाव में कंडम हो रहे हैं. वहीं नगरपालिका ईओ रविंद्र कुमार ने स्वीकारा कि यह हमारे पूर्व अधिकारियों की कमियां रही हैं, जिसकी वजह से वाहन उपकरण कंडम हो रहे हैं.

दरअसल, नगर पालिका परिषद ने पिछले तीन वर्षों में 'स्वच्छ भारत मिशन' की धनराशि पांच करोड़ से अधिक के वाहन व उपकरण खरीदे हैं. इसमें कई वाहन तो ऐसे हैं जो अभी तक सड़क पर उतरे ही नहीं और महीनों से खड़े हैं. दो साल पहले मंगाई गई हाथ गाड़ी, रिक्शा, कूड़ेदान आदि का उपयोग तक नहीं हुआ. हाथ गाड़ियों के पहिए उठाकर बच्चे स्टोर में ही खेलते हैं.

खुले आसमान के नीचे पड़े होने के कारण बारिश का पानी पड़ने से उनमें जंग लग जा रही है. कई छोटे-बड़े ट्रैक्टर खराब हैं. उनके टायर खोल लिए गए हैं. हकीकत यह है कि नगर पालिका का जोर नए वाहनों को खरीदने पर रहता है. खराब होने वाले वाहनों की मरम्मत समय से नहीं कराई जाती है और धीरे-धीरे वह कंडम हो जाते हैं.

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वहीं नगर पालिका ईओ रविंद्र कुमार ने स्वीकारा कि रख-रखाव की व्यवस्था यहां पर ठीक नहीं है. वाहनों को रखने के लिए जो स्टोर होना चाहिए जो उनकी मरम्मत के लिए वर्कशॉप होना चाहिए या धूप, छांव या बरसात से बचाव के लिए जो सेट का निर्माण होना चाहिए, वह यहां पर नहीं हुआ है और इसी वजह से वाहन व उपकरण हमारे कंडम की स्थिति में पहुंच गए हैं. उन्होंने बताया कि यह हमारे पूर्व अधिकारियों की कमियां रही हैं.

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