फर्रुखाबाद: जिले में उत्पीड़न के प्रकरण में डीपीआरओ अमित त्यागी को निलंबित करल दिया गया है. उनपर कार्यों के प्रति लापरवाही बरतने का भी आरोप है. प्रदेश सरकार के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने सहायक जिला पंचायत राज अधिकारी एडीपीआरओ अमित त्यागी को निलंबन का आदेश जारी कर दिया है.
डीपीआरओ पर आरोप
सहायक जिला पंचायत अधिकारी प्राविधिक व जनपद में लगभग साढे 3 वर्ष तक प्रभारी जिला पंचायत राज अधिकारी के पद पर तैनात रहे अमित कुमार त्यागी पर अपने हितों की पूर्ति के लिए महिला कर्मियों के शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न करने वाले कर्मचारियों को संरक्षण देने का आरोप है. इसके अलावा निलंबन आदेश में उन पर स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत शौचालय निर्माण की जांच में दोषी मिले कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई न करने, गबन की गई धनराशि को गलत खाते में जमा कराने, शौचालय निर्माण के मूल्यांकन में रुचि न लेने, विभिन्न स्तर पर प्राप्त शिकायतों पर गठित जांच समितियों की आज्ञा दबाए रखने, गोसंरक्षण केंद्रों के रखरखाव में घोर लापरवाही बरतने, मृतक आश्रितों के देयकों के भुगतान में अत्यधिक विलंब करने और आहरण वितरण का अधिकार न होने के बावजूद भी अधिक वित्तीय पत्रावली यों पर हस्ताक्षर करने का भी आरोप लगाया है. अपर मुख्य सचिव ने डीपीआरओ को प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. आगरा मंडल के उप निदेशक पंचायती राज को जांच अधिकारी नामित किया गया है.
फर्रुखाबाद के DPRO अमित त्यागी उत्पीड़न प्रकरण में निलंबित
यूपी के फर्रूखाबाद जिले में डीएम मानवेंद्र सिंह ने डीपीआरओ अमित त्यागी को निलंबित कर दिया है. उनपर कार्यों के प्रति लापरवाही बरतने और महिला कर्मियों के शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न करने वाले कर्मचारियों को संरक्षण देने का आरोप है.
फर्रुखाबाद: जिले में उत्पीड़न के प्रकरण में डीपीआरओ अमित त्यागी को निलंबित करल दिया गया है. उनपर कार्यों के प्रति लापरवाही बरतने का भी आरोप है. प्रदेश सरकार के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने सहायक जिला पंचायत राज अधिकारी एडीपीआरओ अमित त्यागी को निलंबन का आदेश जारी कर दिया है.
डीपीआरओ पर आरोप
सहायक जिला पंचायत अधिकारी प्राविधिक व जनपद में लगभग साढे 3 वर्ष तक प्रभारी जिला पंचायत राज अधिकारी के पद पर तैनात रहे अमित कुमार त्यागी पर अपने हितों की पूर्ति के लिए महिला कर्मियों के शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न करने वाले कर्मचारियों को संरक्षण देने का आरोप है. इसके अलावा निलंबन आदेश में उन पर स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत शौचालय निर्माण की जांच में दोषी मिले कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई न करने, गबन की गई धनराशि को गलत खाते में जमा कराने, शौचालय निर्माण के मूल्यांकन में रुचि न लेने, विभिन्न स्तर पर प्राप्त शिकायतों पर गठित जांच समितियों की आज्ञा दबाए रखने, गोसंरक्षण केंद्रों के रखरखाव में घोर लापरवाही बरतने, मृतक आश्रितों के देयकों के भुगतान में अत्यधिक विलंब करने और आहरण वितरण का अधिकार न होने के बावजूद भी अधिक वित्तीय पत्रावली यों पर हस्ताक्षर करने का भी आरोप लगाया है. अपर मुख्य सचिव ने डीपीआरओ को प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. आगरा मंडल के उप निदेशक पंचायती राज को जांच अधिकारी नामित किया गया है.