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गुरु पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं ने गंगा में लगाई डुबकी, सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ी धज्जियां - फर्रुखाबाद में गंगा तट पर श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी

उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में गुरु पूर्णिमा के पावन पर्व पर पांचाल घाट में श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाई. कोरोना संक्रमण के बीच गंगा तट पर श्रद्धालुओं के पहुंचने से चहल-पहल बढ़ गई. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ीं. गंगा तट पर मौजूद पुलिसकर्मी श्रद्धालुओं को रोकने में असफल रहे.

हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने गंगा में लगाई डुबकी
हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने गंगा में लगाई डुबकी
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Published : Jul 5, 2020, 1:03 PM IST

फर्रुखाबाद: गुरु पूर्णिमा के पावन पर्व पर रविवार को पांचाल घाट में श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाई. श्रद्धालुओं ने रेती पर हवन कुंड बनाकर उसमें आहुतियां दी, साथ ही मंदिरों में पूजा करके गुरुजनों का सम्मान किया. जिले के सभी मंदिरों, नदियों के पवित्र तटों पर स्नान और पूजा-अर्चना करने की होड़ दिखी. कोरोना संक्रमण के बीच गंगा तट पर स्नानार्थियों के पहुंचने से चहल-पहल बढ़ गई. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ीं. गंगा तट पर मौजूद पुलिसकर्मी श्रद्धालुओं को रोकने में असफल रहे.

हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने गंगा में लगाई डुबकी

हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने गंगा में लगाई डुबकी

फर्रुखाबाद के पांचाल घाट पर तड़के से ही श्रद्धालुओं की भीड़ एकत्र होने लगी थी. यहां हजारों की संख्या में महिला और पुरुष श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई. गंगा स्नान के बाद दान देकर श्रद्धालुओं ने मंदिर में पूजा-अर्चना की. आसपास के कई जिलों से गुरु पूर्णिमा को लेकर गंगा स्नान करने के लिए श्रद्धालु फर्रुखाबाद पहुंचने लगे थे. जिसके बाद बड़ी संख्या में ऑटो, निजी वाहन, दोपहिया वाहन सहित अन्य सवारी गाड़ियों से गंगा घाट पर श्रद्धालुओं का आना जारी है. गंगा तट पर हजारों लोगों की भीड़ जुटने के कारण सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ती दिखी. श्रद्धालुओं को रोकने के लिए पुलिसकर्मी भी नाकाम दिखे.

गुरु पूर्णिमा का महत्व

आषाढ़ माह की पूर्णिमा यानी गुरु पूर्णिमा का बड़ा महत्व है. इस दिन लोग स्नान, ध्यान और पूजा पाठ के अलावा अपने गुरु को याद करते हैं. यह पर्व जीवन में गुरु की महत्ता को समर्पित है. हिंदू मान्यता है कि आज ही के दिन सनातन धर्म के लिए चारों वेद की रचना करने वाले महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था. इस कारण सनातन धर्म के लोग इस दिन को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाते हैं.

फर्रुखाबाद: गुरु पूर्णिमा के पावन पर्व पर रविवार को पांचाल घाट में श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाई. श्रद्धालुओं ने रेती पर हवन कुंड बनाकर उसमें आहुतियां दी, साथ ही मंदिरों में पूजा करके गुरुजनों का सम्मान किया. जिले के सभी मंदिरों, नदियों के पवित्र तटों पर स्नान और पूजा-अर्चना करने की होड़ दिखी. कोरोना संक्रमण के बीच गंगा तट पर स्नानार्थियों के पहुंचने से चहल-पहल बढ़ गई. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ीं. गंगा तट पर मौजूद पुलिसकर्मी श्रद्धालुओं को रोकने में असफल रहे.

हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने गंगा में लगाई डुबकी

हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने गंगा में लगाई डुबकी

फर्रुखाबाद के पांचाल घाट पर तड़के से ही श्रद्धालुओं की भीड़ एकत्र होने लगी थी. यहां हजारों की संख्या में महिला और पुरुष श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई. गंगा स्नान के बाद दान देकर श्रद्धालुओं ने मंदिर में पूजा-अर्चना की. आसपास के कई जिलों से गुरु पूर्णिमा को लेकर गंगा स्नान करने के लिए श्रद्धालु फर्रुखाबाद पहुंचने लगे थे. जिसके बाद बड़ी संख्या में ऑटो, निजी वाहन, दोपहिया वाहन सहित अन्य सवारी गाड़ियों से गंगा घाट पर श्रद्धालुओं का आना जारी है. गंगा तट पर हजारों लोगों की भीड़ जुटने के कारण सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ती दिखी. श्रद्धालुओं को रोकने के लिए पुलिसकर्मी भी नाकाम दिखे.

गुरु पूर्णिमा का महत्व

आषाढ़ माह की पूर्णिमा यानी गुरु पूर्णिमा का बड़ा महत्व है. इस दिन लोग स्नान, ध्यान और पूजा पाठ के अलावा अपने गुरु को याद करते हैं. यह पर्व जीवन में गुरु की महत्ता को समर्पित है. हिंदू मान्यता है कि आज ही के दिन सनातन धर्म के लिए चारों वेद की रचना करने वाले महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था. इस कारण सनातन धर्म के लोग इस दिन को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाते हैं.

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