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फर्रुखाबाद के L-2 अस्पताल में नहीं जाते कोरोना संक्रमित, जानें क्यों

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Published : Nov 10, 2020, 3:02 PM IST

फर्रुखाबाद जिले में करोड़ों रुपये खर्च किए जाने के बाद भी सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं मरीजों का विश्वास नहीं जीत पा रही हैं. जनपद में वर्तमान में 200 से अधिक मरीज कोरोना से पीड़ित हैं. इसके बावजूद L-2 अस्पताल में मात्र 7 मरीज ही भर्ती हैं.

मरीज नहीं जता रहे स्वास्थ्य सेवाओं पर विश्वास
मरीज नहीं जता रहे स्वास्थ्य सेवाओं पर विश्वास

फर्रुखाबाद: जिले में करोड़ों रुपये खर्च किए जाने के बाद भी सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं मरीजों का विश्वास नहीं जीत पा रही हैं. अभी भी हालात यह हैं कि जनपद में वर्तमान में 200 से अधिक मरीज कोरोना से पीड़ित हैं. लेकिन, जनपद मुख्यालय पर स्थित L-2 अस्पताल में मात्र 7 मरीज ही भर्ती हैं. इन्हीं हालात के चलते जिला प्रशासन को L-1 अस्पताल बंद करना पड़ा था.

मरीज नहीं जता रहे स्वास्थ्य सेवाओं पर विश्वास

बेरुखी का ये है कारण
महामारी के प्रकोप के दौरान शासन ने जनपद में पहले L-1 और बाद में L-2 अस्पताल की स्थापना की थी. केंद्र सरकार के कोरोना मरीजों को होम आइसोलेशन का विकल्प दिए जाने के बाद से ही अधिकांश लोगों ने सरकारी अस्पतालों की जगह घरों पर ही रहकर इलाज को प्राथमिकता देनी शुरू कर दी थी. इसके पीछे L-1अस्पताल में मरीजों को मिलने वाले खाने और वार्डों में सफाई की खराब व्यवस्था थी. शुरू में तो कोविड एंड कंट्रोल सेंटर में होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों को फोन किए जाते रहे. अब इसमें भी लापरवाही बरती जा रही है.

200 से अधिक हैं एक्टिव कोरोना संक्रमित

वर्तमान में जनपद में 200 से अधिक एक्टिव कोरोना संक्रमित हैं. इसके बावजूद कोरोना मरीजों के लिए जनपद में संचालित L-2 अस्पताल में कुल 7 मरीज हैं. शेष अपने घरों में ही आइसोलेट हैं. यह हालत तब है जबकि L-2 अस्पताल की तैयारी पर लगभग डेढ़ करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं. शासन से प्राप्त 4 पोर्टेबल वेंटीलेटर भी यहां पर हैं. हालांकि अभी तक यहां पर ऑक्सीजन सप्लाई की लाइन नहीं पड़ी है.

फर्रुखाबाद में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर ढंग से चल रही हैं. कोरोना मरीजों का विशेष ध्यान रखा जा रहा है. होम आइसोलेशन मरीजों का भी बहुत ध्यान रखा जा रहा है.

- वंदना सिंह, सीएमओ

फर्रुखाबाद: जिले में करोड़ों रुपये खर्च किए जाने के बाद भी सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं मरीजों का विश्वास नहीं जीत पा रही हैं. अभी भी हालात यह हैं कि जनपद में वर्तमान में 200 से अधिक मरीज कोरोना से पीड़ित हैं. लेकिन, जनपद मुख्यालय पर स्थित L-2 अस्पताल में मात्र 7 मरीज ही भर्ती हैं. इन्हीं हालात के चलते जिला प्रशासन को L-1 अस्पताल बंद करना पड़ा था.

मरीज नहीं जता रहे स्वास्थ्य सेवाओं पर विश्वास

बेरुखी का ये है कारण
महामारी के प्रकोप के दौरान शासन ने जनपद में पहले L-1 और बाद में L-2 अस्पताल की स्थापना की थी. केंद्र सरकार के कोरोना मरीजों को होम आइसोलेशन का विकल्प दिए जाने के बाद से ही अधिकांश लोगों ने सरकारी अस्पतालों की जगह घरों पर ही रहकर इलाज को प्राथमिकता देनी शुरू कर दी थी. इसके पीछे L-1अस्पताल में मरीजों को मिलने वाले खाने और वार्डों में सफाई की खराब व्यवस्था थी. शुरू में तो कोविड एंड कंट्रोल सेंटर में होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों को फोन किए जाते रहे. अब इसमें भी लापरवाही बरती जा रही है.

200 से अधिक हैं एक्टिव कोरोना संक्रमित

वर्तमान में जनपद में 200 से अधिक एक्टिव कोरोना संक्रमित हैं. इसके बावजूद कोरोना मरीजों के लिए जनपद में संचालित L-2 अस्पताल में कुल 7 मरीज हैं. शेष अपने घरों में ही आइसोलेट हैं. यह हालत तब है जबकि L-2 अस्पताल की तैयारी पर लगभग डेढ़ करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं. शासन से प्राप्त 4 पोर्टेबल वेंटीलेटर भी यहां पर हैं. हालांकि अभी तक यहां पर ऑक्सीजन सप्लाई की लाइन नहीं पड़ी है.

फर्रुखाबाद में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर ढंग से चल रही हैं. कोरोना मरीजों का विशेष ध्यान रखा जा रहा है. होम आइसोलेशन मरीजों का भी बहुत ध्यान रखा जा रहा है.

- वंदना सिंह, सीएमओ

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