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दिल्ली-जयपुर रूट पर चलता है ट्रांसपोर्टर विमल का गोरखधंधा, कन्नौज में हादसे का शिकार हुई थी बस

फर्रुखाबाद जिले से जयपुर जा रही स्लीपर बस कन्नौज के घिलोई में हादसे का शिकार हो गई. बस फर्रुखाबाद के विमल चतुर्वेदी की पत्नी प्रीति चतुर्वेदी के नाम पर है. बताया जा रहा है कि ट्रांसपोर्टर विमल के इस गोरखधंधे में परिवहन से लेकर पुलिस विभाग तक लिप्त है.

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Published : Jan 11, 2020, 9:42 PM IST

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चतुर्वेदी टूर एंड टैवल्स की थी बस.

फर्रुखाबाद: जिले के लाल गेट, कादरी गेट समेत अन्य स्थानों से जयपुर और दिल्ली के लिए प्राइवेट बसें संचालित की जाती हैं. चतुर्वेदी टूर एंड टैवल्स की जो बस कन्नौज में सड़क हादसे का शिकार हुई है. उसके संचालक विमल चतुर्वेदी का दिल्ली-जयपुर रूट की सड़कों पर राज चलता है. हाल यह है कि सत्ता के संरक्षण में दौड़ने वाली विमल की बसों पर पुलिस प्रशासन भी कार्रवाई की हिम्मत नहीं जुटा पाता है.

चतुर्वेदी टूर एंड ट्रेवेल्स की थी बस.

कन्नौज में सड़क हादसे की सूचना मिलते ही बस सर्विस का संचालक विमल चतुर्वेदी फरार हो गया. मिली जानकारी के मुताबिक हादसे के वक्त विमल लालगेट स्थित अपने कार्यालय में बैठा था. इसी दौरान फोन पर स्लीपर बस छिबरामऊ के घिलोई गांव के पास दुर्घटनाग्रस्त होने की जानकारी मिली. हादसे की सूचना मिलते ही स्टाफ में अफरा-तफरी मच गई. जिसके बाद विमल चतुर्वेदी ने कर्मचारियों से ऑफिस बंद कर सतर्क रहने की बात कहते हुए कार में बैठकर फरार हो गया.

इसे भी पढ़ें- कन्नौज बस हादसा: मृतक के परिवार को 2 लाख और घायलों को 50 हजार का एलान

आपातकालीन खिड़की न होने की बात टाल गए एआरटीओ
एआरटीओ शशि भूषण पांडेय ने हादसे के बाद सफाई देते हुए कहा कि बस का ऑल इंडिया परमिट व फिटनेस वर्ष 2021 तक है और इसका बीमा भी है. इस बस का टूरिस्ट परमिट है. बस चालक बीच रास्ते में अवैध रूप से यात्रियों को बैठा लेते हैं. अब अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी. वहीं जब उनसे पूछा गया कि आखिर बस में आपातकालीन खिड़की क्यों नहीं थी, जिसकी वजह से यात्रियों को जान बचाने के लिए शीशे तोड़कर भागे. इस पर एआरटीओ ने गोलमोल जवाब देते हुए मामले की जांच आरआई कन्नौज द्वारा करने की बात कही.

फर्रुखाबाद: जिले के लाल गेट, कादरी गेट समेत अन्य स्थानों से जयपुर और दिल्ली के लिए प्राइवेट बसें संचालित की जाती हैं. चतुर्वेदी टूर एंड टैवल्स की जो बस कन्नौज में सड़क हादसे का शिकार हुई है. उसके संचालक विमल चतुर्वेदी का दिल्ली-जयपुर रूट की सड़कों पर राज चलता है. हाल यह है कि सत्ता के संरक्षण में दौड़ने वाली विमल की बसों पर पुलिस प्रशासन भी कार्रवाई की हिम्मत नहीं जुटा पाता है.

चतुर्वेदी टूर एंड ट्रेवेल्स की थी बस.

कन्नौज में सड़क हादसे की सूचना मिलते ही बस सर्विस का संचालक विमल चतुर्वेदी फरार हो गया. मिली जानकारी के मुताबिक हादसे के वक्त विमल लालगेट स्थित अपने कार्यालय में बैठा था. इसी दौरान फोन पर स्लीपर बस छिबरामऊ के घिलोई गांव के पास दुर्घटनाग्रस्त होने की जानकारी मिली. हादसे की सूचना मिलते ही स्टाफ में अफरा-तफरी मच गई. जिसके बाद विमल चतुर्वेदी ने कर्मचारियों से ऑफिस बंद कर सतर्क रहने की बात कहते हुए कार में बैठकर फरार हो गया.

इसे भी पढ़ें- कन्नौज बस हादसा: मृतक के परिवार को 2 लाख और घायलों को 50 हजार का एलान

आपातकालीन खिड़की न होने की बात टाल गए एआरटीओ
एआरटीओ शशि भूषण पांडेय ने हादसे के बाद सफाई देते हुए कहा कि बस का ऑल इंडिया परमिट व फिटनेस वर्ष 2021 तक है और इसका बीमा भी है. इस बस का टूरिस्ट परमिट है. बस चालक बीच रास्ते में अवैध रूप से यात्रियों को बैठा लेते हैं. अब अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी. वहीं जब उनसे पूछा गया कि आखिर बस में आपातकालीन खिड़की क्यों नहीं थी, जिसकी वजह से यात्रियों को जान बचाने के लिए शीशे तोड़कर भागे. इस पर एआरटीओ ने गोलमोल जवाब देते हुए मामले की जांच आरआई कन्नौज द्वारा करने की बात कही.

Intro:
एंकर-फर्रुखाबाद से जयपुर जा रही जो स्लीपर बस कन्नौज के गांव घिलोई में हादसे का शिकार हुई है.वह फर्रुखाबाद के विमल चतुर्वेदी की पत्नी प्रीति चतुर्वेदी के नाम पर है.आलम यह है कि दबंग विमल चतुर्वेदी का दिल्ली-जयपुर रूट की सड़कों पर राज चलता है.हालांकि दुर्घटनाग्रस्त की जानकारी मिलते ही विमल चतुर्वेदी फरार हैं.विमल के इस गोरखधंधे में परिवहन से लेकर पुलिस विभाग लिप्त है.
Body:वीओ-फर्रुखाबाद के लाल गेट,कादरी गेट समेत अन्य स्थानों से जयपुर व दिल्ली के लिए प्राइवेट बसें संचालित की जाती हैं. चतुर्वेदी टूर एंड टैवल्स की जो बस हादसे का शिकार हुई है. उसके संचालक दबंग विमल चतुर्वेदी का दिल्ली-जयपुर रूट की सड़कों पर राज चलता है. हाल ये है कि सत्ता के संरक्षण में दौड़ने वाली विमल की बसों पर पुलिस प्रशासन भी कार्रवाई की हिम्मत नहीं जुटा पाता है.
हादसे की सूचना मिलते ही फरार हुआ बस संचालक-हादसे के वक्त बस सर्विस संचालक विमल चतुर्वेदी अपने लालगेट स्थित प्रधान कार्यालय में बैठे थे.उनका स्टाफ भी मौजूद था. फर्रुखाबाद से दिल्ली व जयपुर के लिए चलने वाली बसें रवाना की जा रही थीं. विमल अन्य स्थानों से चलने वाली बसों के बारे में सूचना एकत्र कर रहे थे तभी उन्हें फोन पर स्लीपर बस छिबरामऊ के गांव घिलोई के पास दुर्घटनाग्रस्त होने की जानकारी मिली. हादसे की सूचना मिलते ही स्टाफ में अफरातफरी मच गई. विमल चतुर्वेदी ने कर्मचारियों से ऑफिस बंद कर सतर्क रहने को कहा. इसके बाद वह तुरंत कार्यालय से निकलकर कार में बैठकर निकल गए.
Conclusion:आपातकालीन खिड़की न होने की बात टाल गए एआरटीओ-एआरटीओ शांति भूषण पांडेय ने हादसे के बाद सफाई देते हुए कहा कि बस का आॅल इंडिया परमिट व फिटनेस वर्ष 2021 तक है.फिलहाल इसका बीमा भी है.इस बस का टूरिस्ट परमिट है. लेकिन बस चालक बीच रास्ते में अवैध रूप से यात्रियों को बैठा लेते हैं.अब अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी. जब उनसे पूछा गया कि आखिर बस में आपातकालीन खिड़की क्यों नहीं थी,जिसकी वजह से यात्रियों को जान बचाने के लिए शीशे तोड़कर भाग पड़ तो एआरटीओ ने गोलमोल जवाब देते हुए मामले की जांच आरआई कन्नौज द्वारा करने की बात कह दी.

बाइट- शशिभूषण पांडेय,एआरटीओ
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