फर्रुखाबाद: जिले के लाल गेट, कादरी गेट समेत अन्य स्थानों से जयपुर और दिल्ली के लिए प्राइवेट बसें संचालित की जाती हैं. चतुर्वेदी टूर एंड टैवल्स की जो बस कन्नौज में सड़क हादसे का शिकार हुई है. उसके संचालक विमल चतुर्वेदी का दिल्ली-जयपुर रूट की सड़कों पर राज चलता है. हाल यह है कि सत्ता के संरक्षण में दौड़ने वाली विमल की बसों पर पुलिस प्रशासन भी कार्रवाई की हिम्मत नहीं जुटा पाता है.
कन्नौज में सड़क हादसे की सूचना मिलते ही बस सर्विस का संचालक विमल चतुर्वेदी फरार हो गया. मिली जानकारी के मुताबिक हादसे के वक्त विमल लालगेट स्थित अपने कार्यालय में बैठा था. इसी दौरान फोन पर स्लीपर बस छिबरामऊ के घिलोई गांव के पास दुर्घटनाग्रस्त होने की जानकारी मिली. हादसे की सूचना मिलते ही स्टाफ में अफरा-तफरी मच गई. जिसके बाद विमल चतुर्वेदी ने कर्मचारियों से ऑफिस बंद कर सतर्क रहने की बात कहते हुए कार में बैठकर फरार हो गया.
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आपातकालीन खिड़की न होने की बात टाल गए एआरटीओ
एआरटीओ शशि भूषण पांडेय ने हादसे के बाद सफाई देते हुए कहा कि बस का ऑल इंडिया परमिट व फिटनेस वर्ष 2021 तक है और इसका बीमा भी है. इस बस का टूरिस्ट परमिट है. बस चालक बीच रास्ते में अवैध रूप से यात्रियों को बैठा लेते हैं. अब अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी. वहीं जब उनसे पूछा गया कि आखिर बस में आपातकालीन खिड़की क्यों नहीं थी, जिसकी वजह से यात्रियों को जान बचाने के लिए शीशे तोड़कर भागे. इस पर एआरटीओ ने गोलमोल जवाब देते हुए मामले की जांच आरआई कन्नौज द्वारा करने की बात कही.