फर्रूखाबाद: यूपी के फर्रूखाबाद जिले में जामा मस्जिद मामले में ट्विटर पर भड़काऊ पोस्ट करने वाले अज्ञात के खिलाफ एसपी के निर्देश पर मुकदमा दर्ज कराया गया है. बीते दिन हिंदू जागरण मंच के मंडल अध्यक्ष प्रदीप सक्सेना ने ज्ञापन देकर दावा किया था कि जामा मस्जिद सरकारी जमीन पर बनी हुई है.
दरअसल, कुछ दिन पहले कायमगंज थाना क्षेत्र स्थित जामा मस्जिद पर विवाद की स्थित तब उत्पन्न होती दिखाई दी थी. जब हिंदू जागरण मंच के विभागाध्यक्ष प्रदीप सक्सेना और उनके संगठन के अन्य पदाधिकारियों ने एक ज्ञापन उप जिलाधिकारी को सौंप कर कहा था कि यह मस्जिद सरकारी भूमि पर बनी हुई है. इसलिए अतिक्रमण की जद में आती है. सरकारी भूमि पर बनी मस्जिद को हटाने की मांग करते हुए हिंदू जागरण मंच ने कहा था कि यदि इस मस्जिद को 7 दिन के अंदर न हटाया गया तो उनका संगठन कायमगंज स्थित अपने ही कार्यालय पर आमरण अनशन प्रारंभ कर देगा.
वहीं, ज्ञापन के बाद प्रशासन सतर्क हुआ. उधर मस्जिद की इंतजामिया कमेटी ने हिंदू जागरण मंच के दावे को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा था कि मस्जिद जिस जगह पर तामीर है. वह भूमि एक मुस्लिम परिवार द्वारा मस्जिद के नाम पर वक्फ की गई है. इसके बाद ही इस स्थान पर मस्जिद का निर्माण कराया गया था. इसलिए हिंदू जागरण मंच का कहना बिल्कुल गलत है. यह जमीन सरकारी नहीं है, बल्कि मस्जिद वक्फ की जमीन पर बनी है.
इस संवेदनशील मामले में सतर्क प्रशासन ने भी मस्जिद से जुड़े अभिलेखों का अवलोकन किया. उसमें भी मस्जिद वाली जगह सरकारी नहीं, बल्कि वक्फ की ही बताई जा रही है. फिर भी किसी ने सांप्रदायिक सौहार्द प्रभावित करने की नीयत से ट्विटर पर इस संबंध में एक भड़काऊ पोस्ट कर दिया. जिसका संज्ञान लेते हुए पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा ने कहा कि पोस्ट करने वाले अज्ञात व्यक्ति के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत कर जांच के आदेश दिए.
पुलिस अधीक्षक के आदेश पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. जांच के बाद भड़काऊ पोस्ट करने वाला शायद जल्द ही पकड़ में आ जाएगा और इसके बाद भड़काऊ पोस्ट करने के पीछे उसका क्या उद्देश्य था. इसका तो पता चल ही जाएगा. साथ ही वह व्यक्ति भी जेल की सलाखों के पीछे जाने से नहीं बचेगा. हालांकि, जानकारी के मुताबिक हिंदू जागरण मंच के नेता प्रदीप सक्सेना ने खेद जताकर मस्जिद भूमि संबंधी अपना ज्ञापन वापस ले लिया है.
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