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फर्रुखाबादः फर्जी उर्दू शिक्षक को बीएसए ने बर्खास्त किया

यूपी के फर्रुखाबाद में मिले फर्जी उर्दू शिक्षक पवन कुमार को बेसिक शिक्षा विभाग ने बर्खास्त कर दिया है. बीएसए ने बीईओ को एफआईआर कराने का आदेश दिया है.

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प्राथमिक विद्यालय.
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Published : Jun 26, 2020, 8:04 PM IST

फर्रुखाबादः अनामिका शुक्ला प्रकरण के बाद से अब फर्जी प्रमाण पत्रों की मदद से सरकारी नौकरियों पाने के मामले एक के बाद एक सामने आ रहे हैं. फर्रुखाबाद में मिले फर्जी उर्दू शिक्षक पवन कुमार को बेसिक शिक्षा विभाग ने बर्खास्त कर दिया है. बीएसए ने बीईओ को एफआईआर कराने का आदेश दिया है. साथ ही चार साल के वेतन की वसूली के निर्देश भी दिए हैं.

लखनऊ निवासी पवन कुमार ने कायमगंज ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय कटरा रहमत खां में बतौर सहायक अध्यापक पांच जुलाई 2016 को नियुक्ति पाई थी. फर्जी अभिलेखों की शिकायत के बाद एसटीएफ ने मामले की छानबीन शुरू की. एसटीएफ जांच में पवन के शैक्षिक अभिलेख एसटीएफ को फर्जी मिले. बीएसए लालजी यादव ने बताया कि पवन ने अलीगढ़ के जामिया उर्दू से साल 1993 में अदीब (हाईस्कूल) 849 अनुक्रमांक और 1994 में अदीब-ए-माहिर (इंटरमीडिएट) 6110 अनुक्रमांक के शैक्षिक अभिलेख लगाए थे. वहीं एसटीएफ ने जांच की तो जामिया उर्दू अलीगढ़ के रजिस्ट्रार ने जानकारी दी कि यह दोनों अंक पत्र उनके कार्यालय से जारी नहीं हुए हैं.

नहीं हाजिर हुआ शिक्षक
एसटीएफ की जांच रिपोर्ट के बाद बेसिक शिक्षा विभाग ने पवन कुमार को अपना पक्ष रखने के लिए पहला नोटिस 19 मई को भेजा. वहीं दूसरा नोटिस 27 मई, तीसरा नोटिस 11 जून और चौथा नोटिस 19 जून को भिजवाया था. इसके बाद भी पवन बीएसए कार्यालय उपस्थित नहीं हुआ. बीएसए लालजी यादव ने बताया कि उर्दू शिक्षक पवन जवाब देने के लिए हाजिर नहीं हुआ तो उसे बर्खास्त कर दिया गया है. उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के भी निर्देश दिए गए हैं.

चार साल पहले नियुक्त हुआ पवन कुमार करीब 19.20 लाख रुपये वेतन ले चुका है. अब विभाग ने वेतन रिकवरी के साथ ही रिपोर्ट दर्ज कराने के आदेश दिए हैं, लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारी कहीं न कहीं फर्जी शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने से बचते नजर आ रहे हैं. अब तक पूर्व में एसआईटी जांच में दोषी मिले 22 बर्खास्त किए गए फर्जी शिक्षकों के खिलाफ भी अभी तक मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है.

फर्रुखाबादः अनामिका शुक्ला प्रकरण के बाद से अब फर्जी प्रमाण पत्रों की मदद से सरकारी नौकरियों पाने के मामले एक के बाद एक सामने आ रहे हैं. फर्रुखाबाद में मिले फर्जी उर्दू शिक्षक पवन कुमार को बेसिक शिक्षा विभाग ने बर्खास्त कर दिया है. बीएसए ने बीईओ को एफआईआर कराने का आदेश दिया है. साथ ही चार साल के वेतन की वसूली के निर्देश भी दिए हैं.

लखनऊ निवासी पवन कुमार ने कायमगंज ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय कटरा रहमत खां में बतौर सहायक अध्यापक पांच जुलाई 2016 को नियुक्ति पाई थी. फर्जी अभिलेखों की शिकायत के बाद एसटीएफ ने मामले की छानबीन शुरू की. एसटीएफ जांच में पवन के शैक्षिक अभिलेख एसटीएफ को फर्जी मिले. बीएसए लालजी यादव ने बताया कि पवन ने अलीगढ़ के जामिया उर्दू से साल 1993 में अदीब (हाईस्कूल) 849 अनुक्रमांक और 1994 में अदीब-ए-माहिर (इंटरमीडिएट) 6110 अनुक्रमांक के शैक्षिक अभिलेख लगाए थे. वहीं एसटीएफ ने जांच की तो जामिया उर्दू अलीगढ़ के रजिस्ट्रार ने जानकारी दी कि यह दोनों अंक पत्र उनके कार्यालय से जारी नहीं हुए हैं.

नहीं हाजिर हुआ शिक्षक
एसटीएफ की जांच रिपोर्ट के बाद बेसिक शिक्षा विभाग ने पवन कुमार को अपना पक्ष रखने के लिए पहला नोटिस 19 मई को भेजा. वहीं दूसरा नोटिस 27 मई, तीसरा नोटिस 11 जून और चौथा नोटिस 19 जून को भिजवाया था. इसके बाद भी पवन बीएसए कार्यालय उपस्थित नहीं हुआ. बीएसए लालजी यादव ने बताया कि उर्दू शिक्षक पवन जवाब देने के लिए हाजिर नहीं हुआ तो उसे बर्खास्त कर दिया गया है. उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के भी निर्देश दिए गए हैं.

चार साल पहले नियुक्त हुआ पवन कुमार करीब 19.20 लाख रुपये वेतन ले चुका है. अब विभाग ने वेतन रिकवरी के साथ ही रिपोर्ट दर्ज कराने के आदेश दिए हैं, लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारी कहीं न कहीं फर्जी शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने से बचते नजर आ रहे हैं. अब तक पूर्व में एसआईटी जांच में दोषी मिले 22 बर्खास्त किए गए फर्जी शिक्षकों के खिलाफ भी अभी तक मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है.

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