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सीएम पर अखिलेश का पलटवार, बोले-भाजपा जैसी भाषा कभी राजनीति में इस्तेमाल नहीं हुई

उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद पहुंचे सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा पर जमकर जुबानी वार किया. उन्होंने सीएम योगी के कानपुर में दिए गए बयान पर भी पलटवार किया.

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अखिलेश यादव, राष्ट्रीय अध्यक्ष, सपा.
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Published : Jan 23, 2020, 11:19 PM IST

फर्रुखाबाद: सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव गुरुवार को फर्रुखाबद पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कारगिल शहीद राकेश यादव की प्रतिमा का अनावरण किया. वहीं मीडिया से बात करते हुए भाजपा व गंगा यात्रा पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि हमें खुशी इस बात कि है कि महिलाएं समझ गई हैं कि देश का संविधान खतरे में है. उन्हें बधाई देता हूं.

मीडिया से बात करते अखिलेश यादव.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ से गुरुवार को गंगा यात्रा की औपचारिक शुरूआत कर दी है, जिसके जवाब में पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि गंगा यात्रा तब अच्छी लगती, जब गंगा पूरी तरह से साफ होती. इतना ही नहीं चुटकी लेते हुए कहा कि वैसे भी गंगा मैया बीजेपी से नाराज हैं. इसका नजारा कानपुर में देखने को मिला था, जिस नाले को साफ-सुथरा करके दिखाया गया था. जैसे ही प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री वहां से गए. कानपुर के सभी गंदे नाले फिर से गंगा में झोंक दिए गए.

ये भी पढ़ें- लखनऊ: वसीम रिजवी ने DM को लिखा पत्र, घंटाघर को अवैध कब्जेदारों से कराएं खाली

कानपुर में सीएम योगी ने कहा था कि पुरुष घर में रजाई ओढ़कर सो रहा है और महिलाओं को चौराहे पर बैठाया जा रहा. इस बयान पर अखिलेश यादव ने पलटवार करते हुए कहा कि प्रदेश के एक साधु मुख्यमंत्री की भाषा यह नहीं हो सकती है. हमें खुशी इस बात कि है कि देश की महिलाएं समझ गई हैं कि संविधान खतरे में है. भारतीय राजनीति में बीजेपी के नेताओं जैसी भाषा का कभी भी इस्तेमाल नहीं हुआ है. मर्यादा के बीच में रहते हुए राजनीतिक शिष्टाचार होता है. कभी भी राजनीतिक लोगों की भाषा 'ठोक देने वाली, डंके की चोट, जबान खींच लेंगे' इस तरह की नहीं होती है.

फर्रुखाबाद: सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव गुरुवार को फर्रुखाबद पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कारगिल शहीद राकेश यादव की प्रतिमा का अनावरण किया. वहीं मीडिया से बात करते हुए भाजपा व गंगा यात्रा पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि हमें खुशी इस बात कि है कि महिलाएं समझ गई हैं कि देश का संविधान खतरे में है. उन्हें बधाई देता हूं.

मीडिया से बात करते अखिलेश यादव.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ से गुरुवार को गंगा यात्रा की औपचारिक शुरूआत कर दी है, जिसके जवाब में पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि गंगा यात्रा तब अच्छी लगती, जब गंगा पूरी तरह से साफ होती. इतना ही नहीं चुटकी लेते हुए कहा कि वैसे भी गंगा मैया बीजेपी से नाराज हैं. इसका नजारा कानपुर में देखने को मिला था, जिस नाले को साफ-सुथरा करके दिखाया गया था. जैसे ही प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री वहां से गए. कानपुर के सभी गंदे नाले फिर से गंगा में झोंक दिए गए.

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कानपुर में सीएम योगी ने कहा था कि पुरुष घर में रजाई ओढ़कर सो रहा है और महिलाओं को चौराहे पर बैठाया जा रहा. इस बयान पर अखिलेश यादव ने पलटवार करते हुए कहा कि प्रदेश के एक साधु मुख्यमंत्री की भाषा यह नहीं हो सकती है. हमें खुशी इस बात कि है कि देश की महिलाएं समझ गई हैं कि संविधान खतरे में है. भारतीय राजनीति में बीजेपी के नेताओं जैसी भाषा का कभी भी इस्तेमाल नहीं हुआ है. मर्यादा के बीच में रहते हुए राजनीतिक शिष्टाचार होता है. कभी भी राजनीतिक लोगों की भाषा 'ठोक देने वाली, डंके की चोट, जबान खींच लेंगे' इस तरह की नहीं होती है.

Intro:
एंकर-समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश के एक साधु मुख्यमंत्री की भाषा यह नहीं हो सकती कि कोई रजाई में है और कोई धरना दे रहा है. हमें खुशी इस बात कि है कि देश की महिलाएं समझ गई हैं. कि देश का संविधान खतरे में है. उन्हें बधाई देता हूं. बता दें कि पूर्व सीएम अखिलेश यादव कारगिल शहीद राकेश यादव की प्रतिमा का अनावरण करने फर्रुखाबाद पहुंचे थे.
Body:वीओ- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ से गुरुवार को गंगा यात्रा की औपचारिक शुरूआत कर दी है. जिसके जवाब में पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि गंगा यात्रा तब अच्छी लगती,जब गंगा पूरी तरह से साफ-सुथरी होती,लेकिन गंगा में जुड़ने वाली नदियां काली नदी,यमुना चंबल का गंदा पानी नदियों में गिर रहा है. इन्हें गंगा यात्रा न निकालकर तीन साल उत्तर प्रदेश में और दिल्ली में पांच साल यमुना को साफ क्यों नहीं कर सके. बल्कि इसका हिसाब देना चाहिए था.इतना ही नहीं चुटकी लेते हुए कहा वैसे भी गंगा मैया बीजेपी से नाराज है. इसका नजारा कानपुर में देखने को मिला था,जिस नाले को साफ-सुथरा करके दिखाया गया था. जैसे ही प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री वहां से गए. कानपुर के सभी गंदे नाले फिर से गंगा में झोंक दिए गए.
सीएम गाय की सेवा भी नहीं कर पा रहेः सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने केंद्र व प्रदेश सरकार को जमकर सुनाया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की सबसे प्रिय चीज गाय है और उसी की सेवा नहीं कर पा रहे है.इससे ज्यादा दुखद और निंदनीय काम कोई नहीं हो सकता है.
Conclusion:सीएम योगी के संबोधन कुछ लोगों ने महिलाओं और बच्चों को धरना देने के लिए आगे कर दिया है. इस पर पलटवार करते हुए कहा कि प्रदेश के एक साधु मुख्यमंत्री की भाषा यह नहीं हो सकती है. कोई रजाई में है और कोई धरना दे रहा है. हमे खुशी इस बात कि है कि देश की महिलाएं समझ गई हैं. कि देश का संविधान खतरे में है और हमारे देश की जो आत्मा है, जो बिना भेदभाव के एक-दूसरे के साथ रह रहे हैं.उसको खत्म करना चाहती हैं.उसमें माताएं-बहने सामने आ रही हैं.उन्हें बधाई देता हूं.
बीजेपी नेताओं जैसी भाषा का नहीं हुआ इस्तेमालः भारतीय राजनीति में बीजेपी के नेताओं जैसी भाषा का कभी भी इस्तेमाल नहीं हुआ है.मर्यादा के बीच में रहते हुए राजनैतिक शिष्टाचार होता है. कभी भी राजनैतिक लोगों की भाषा ‘ठोक देने वाली‘, ‘डंके की चोट‘, जबान खींच लेंगे इस तरह की नहीं होती है.
बाइट- अखिलेश यादव,राष्ट्रीय अध्यक्ष सपा


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