फर्रुखाबाद: सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव गुरुवार को फर्रुखाबद पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कारगिल शहीद राकेश यादव की प्रतिमा का अनावरण किया. वहीं मीडिया से बात करते हुए भाजपा व गंगा यात्रा पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि हमें खुशी इस बात कि है कि महिलाएं समझ गई हैं कि देश का संविधान खतरे में है. उन्हें बधाई देता हूं.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ से गुरुवार को गंगा यात्रा की औपचारिक शुरूआत कर दी है, जिसके जवाब में पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि गंगा यात्रा तब अच्छी लगती, जब गंगा पूरी तरह से साफ होती. इतना ही नहीं चुटकी लेते हुए कहा कि वैसे भी गंगा मैया बीजेपी से नाराज हैं. इसका नजारा कानपुर में देखने को मिला था, जिस नाले को साफ-सुथरा करके दिखाया गया था. जैसे ही प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री वहां से गए. कानपुर के सभी गंदे नाले फिर से गंगा में झोंक दिए गए.
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कानपुर में सीएम योगी ने कहा था कि पुरुष घर में रजाई ओढ़कर सो रहा है और महिलाओं को चौराहे पर बैठाया जा रहा. इस बयान पर अखिलेश यादव ने पलटवार करते हुए कहा कि प्रदेश के एक साधु मुख्यमंत्री की भाषा यह नहीं हो सकती है. हमें खुशी इस बात कि है कि देश की महिलाएं समझ गई हैं कि संविधान खतरे में है. भारतीय राजनीति में बीजेपी के नेताओं जैसी भाषा का कभी भी इस्तेमाल नहीं हुआ है. मर्यादा के बीच में रहते हुए राजनीतिक शिष्टाचार होता है. कभी भी राजनीतिक लोगों की भाषा 'ठोक देने वाली, डंके की चोट, जबान खींच लेंगे' इस तरह की नहीं होती है.