फर्रुखाबाद: सरकारी भूमि का चिन्हांकन करने आई राजस्व टीम उस समय मुसीबत में पड़ गई, जिस समय ग्रामीणों ने उन्हें घेर लिया. बताया जा रहा है कि नायब तहसीलदार को बंधक बनाने का प्रयास किया गया. आरोप है कि नायब तहसीलदार की एक ग्रामीण से झड़प हो गई थी, जिस पर विवाद बढ़ गया. आक्रोशित ग्रामीणों ने आत्मदाह का प्रयास भी किया. महिलाओं सहित चार के बेहोश हो जाने पर उन्हें लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया. पुलिस के मुताबिक, बंधक बनाने का आरोप गलत है. वहीं, नायब तहसीलदार के अनुसार, तीन से चार दिन में ग्राम समाज की भूमि की पैमाइश कर फसल कुर्क कर ली जाएगी.
थाना राजेपुर के ग्राम सबलपुर में 250 बीघा भूमि पर ग्रामीणों का कब्जा है. जिस पर वर्तमान में गेहूं की पकी फसल खड़ी है. इस भूमि पर ग्रामीणों का प्रशासन से काफी पुराना विवाद चल रहा है. ग्रामीणों के अनुसार, उनकी पट्टे की भूमि है. जबकि राजस्व टीम का कहना है कि वह भूमि सरकारी है. लिहाजा ग्रामीणों ने उस भूमि पर स्टे भी ले रखा है. पूर्व में भाकियू भी इस भूमि पर पैमाइश के विरोध में धरना प्रदर्शन कर चुकी है. विगत दिनों भूमि की पैमाइश के लिए कमेटी का गठन किया गया था. मंगलवार को नायब तहसीलदार हर्षित सिंह राजस्व टीम को लेकर पहुंचे और मशीन से गेहूं काटने लगे. ग्रामीणों ने इसका विरोध किया.
ग्रामीणों ने राजस्व टीम से कहा कि वे गेहूं की फसल काटने नहीं देंगे. लेकिन टीम अपने काम करती रही. इस पर ग्रामीण काफी नाराज हुए. इस दौरान 45 वर्षीय ग्रामीण गोविन्द पुत्र द्वारिया, 45 वर्षीय कलावती पत्नी नन्द किशोर राजपूत, 50 वर्षीय जगरानी पत्नी भईया लाल, 50 वर्षीय गंगा पत्नी चन्द्रपाल ने डीजल डालकर आत्मदाह करने की कोशिश की. लेकिन मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोक लिया. इसके बाद अचानक चारों की हालत खराब हो गई. उन्हें तत्काल लोहिया अस्पताल ले जाया गया. उधर, आक्रोशित भीड़ ने नायब तहसीलदार की कार को घेरते हुए उन्हें बंधक बना लिया. वहीं, सूचना पर थानाध्यक्ष दिनेश गौतम मौके पर पहुंचे और मामले को समझाकर शांत किया.
यह भी पढ़ें: हमीरपुर: अंबेडकर की मूर्ति चोरी पर मचा बवाल, पुलिस से तीखी नोकझोंक
वहीं, मामले की जानकारी होने पर भाकियू के जिलाध्यक्ष अरविन्द शाक्य, मंडल अध्यक्ष प्रभाकान्त मिश्रा, पूर्व प्रधान रामवीर आदि लोहिया अस्पताल पहुंचे. मंडल अध्यक्ष प्रभाकान्त मिश्रा ने बताया कि जिन अधिकारियों ने ग्रामीणों को आत्महत्या के लिए उकसाया था, उनके खिलाफ यदि मुकदमा दर्ज नहीं होगा तो भाकियू कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन करेगा.
इस संबंध में थानाध्यक्ष दिनेश गौतम ने बताया कि कोई खास बात नहीं थी. नायब तहसीलदार को बंधक बनाए जाने का मामला फर्जी है. राहत की बात है कि इस दौरान किसी भी प्रकार की अनहोनी नहीं हुई. फिलहाल मामले की जांच की जा रही है. इसके अलावा तहसीलदार हर्षित सिंह ने बताया कि ग्राम समाज की भूमि पर गेहूं की फसल खड़ी है, जिससे पैमाइश में दिक्कत आ रही है. 3 से 4 दिन में ग्राम समाज की भूमि की पैमाइश कर फसल कुर्क कर ली जाएगी.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप