फर्रुखाबाद: जिले में नौकरी करने वाले 20 शिक्षकों को बर्खास्त करने और 15 का वेतन रोकने के मामले में हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया है. हाईकोर्ट ने बेसिक शिक्षा अधिकारी को बर्खास्त शिक्षकों को बहाल करने और अन्य के रुके हुए वेतन का भुगतान निर्गत करने के आदेश दिए हैं. डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा से 2005 में B.Ed की डिग्री लेकर जिले में कई शिक्षक नौकरी कर रहे हैं. इनमें से 20 शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया था और 15 का वेतन रोक दिया गया था.
एसआईटी की जांच में B.Ed की डिग्री फर्जी मिली थी
आगरा के डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय से वर्ष 2005 में B.Ed करने वाले कई अभ्यार्थी जिले में शिक्षक बन गए थे. एसआईटी ने इन शिक्षकों की जांच की तो इनकी B.Ed की डिग्री फर्जी पाई गई. अप्रैल 2020 में जिले के 20 शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया था. इसके साथ ही 15 शिक्षकों के वेतन पर रोक लगा दी गई थी. इस कार्रवाई के बाद शिक्षक हाईकोर्ट चले गए थे.
6 जनवरी 2021 को उच्च न्यायालय ने इन शिक्षकों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए बीएसए को आदेश दिया कि वह बर्खास्त शिक्षकों को बहाल करें. साथ ही जिन शिक्षकों का वेतन रुका है, उनके वेतन को निर्गत करते हुए 18 फरवरी तक कोर्ट को अवगत कराएं.
15 शिक्षकों का वेतन भुगतान निर्गत
इस पर बीएसए ने बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव डॉ. सर्वेंद्र बहादुर सिंह को पत्र भेजकर इस मामले में राय मांगी है. बीएसए लालजी यादव ने बताया कि उच्च न्यायालय ने 20 शिक्षकों को पुनः सेवा में लेकर कार्यभार ग्रहण कराने और 15 शिक्षकों का वेतन भुगतान निर्गत करने के आदेश दिए हैं. इस संबंध में सचिव को पत्र भेजा गया है. सचिव के आदेशानुसार ही कार्रवाई की जाएगी.