फर्रुखाबाद : जिले में बुखार का खतरा मंडरा रहा है. जनपद में कमालगंज ब्लॉक के राजेपुर सरायमेदा गांव में 500 से अधिक लोग बुखार से ग्रसित हैं. गांव में उचित स्वास्थ्य सेवा न होने के कारण ग्रामीण झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज कराने पर मजबूर हैं. वहीं कुछ लोग निजी अस्पतालों में भी इलाज करा रहे हैं.
ग्रामीणों ने बताया कि गांव में साफ-सफाई की व्यवस्था नहीं है. जिसके कारण बीमारियां पनप रहीं हैं. राजेपुर सरायमेदा गांव में लगभग 10 हजार की आबादी है. गांव में हर दूसरे-तीसरे घर में बुखार के मरीज हैं.
ग्रामीणों ने बताया कि गांव में लगभग 70 प्रतिशत लोग बुखार से ग्रसित हैं. लगभग 500 लोग बुखार की चपेट में आ चुके हैं. गांव में लगे स्वास्थ विभाग के कैंप पर सिर्फ खाना-पूर्ति हो रही है. ग्रामीणों का कहना है, कि सरकारी अस्पताल के डॉक्टर दवा के नाम पर केवल पैरासिटामॉल और एंटीवायोटिक दवाइयां दे रहे हैं. जांच के नाम पर भी खाना-पूर्ति हो रही है.
ग्रामीणों का आरोप है कि सरकारी अस्पताल में डेंगू की जांच में हेराफेरी की जा रही है. अस्पताल में डेंगू की जांच के लिए मरीजों के सैंपल लिए जाते हैं और उन्हें नेगेटिव बता दिया जाता है. वहीं बीमार लोग जब प्राइवेट अस्पताल में जांच कराते हैं, तो डेंगू और टाइफाइड जैसी खतरनाक बीमारियां बताई जातीं हैं.
इस संबंध में सीएमओ सतीश चंद्र ने फोन पर बताया कि गांव-गांव में लगातार स्वास्थ्य विभाग की टीमें जांच करके दवा वितरित कर रही हैं. राजेपुर सरायमेदा में 40 लोग बुखार से पीड़ित हैं. स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगातार काम कर रही हैं. वहीं बुखार से हुई मौत का आंकड़ा पूछने पर सीएमओ ने नकार दिया. सीएमओ सतीश चंद्र ने कहा कि किसी अन्य कारणों से लोगों की मौत हुई है. ग्रामीण सभी आंकड़ों को बुखार से जोड़कर बता रहे हैं.
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