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कोरोना का कहर: फर्रुखाबाद जिला कारागार से 65 कैदी हुए रिहा

सुप्रीम कोर्ट ने सभी जिला कारागार में सात साल तक की सजा के अपराधियों को पेरोल पर रिहा करने के आदेश दिए थे. इसी के तहत सोमवार को फर्रुखाबाद जेल से कुल 65 कैदियों को रिहा किया गया.

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फर्रुखाबाद जिला कारागार से 65 कैदी हुए रिहा.
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Published : Mar 31, 2020, 12:41 PM IST

फर्रुखाबाद: सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर फर्रुखाबाद जिला जेल से सोमवार को सात साल से कम सजा वाले 65 कैदियों को रिहा किया गया है. जेल अधिकारियों के अनुसार कैदियों को 56 दिनों के पेरोल पर छोड़ा जा रहा है. साथ ही इसमें 2 महिला बंदी भी शामिल हैं.

65 कैदियों को किया गया रिहा
उच्चतम न्यायालय के आदेश पर सभी जिला कारागार में बंद कैदियों की सूची बनाकर शासन को भेजी गई थी. भीड़भाड़ को कम करने के लिए शासन के निर्देश पर फर्रुखाबाद जेल प्रशासन ने 65 कैदियों को छोड़ दिया है. जेलर जेएस यादव के मुताबिक 8 हफ्ते की पेरोल पर इन कैदियों को छोड़ा जा रहा है. यह सभी 26 मई को न्यायालय में पेश होंगे.

सुप्रीम कोर्ट ने दिया था आदेश
कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सभी जिला कारागार को आदेश दिया था कि कैदियों को छोड़ा जाए. सुप्रीम कोर्ट ने 23 मार्च को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया था कि वे कोरोना महामारी के मद्देनजर जेलों में बंद सात साल तक जेल की सजा पाने वाले कैदियों को पेरोल पर रिहा करें, इसके लिए उच्च स्तरीय समितियों का गठन कर विचार करें.

फर्रुखाबाद: सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर फर्रुखाबाद जिला जेल से सोमवार को सात साल से कम सजा वाले 65 कैदियों को रिहा किया गया है. जेल अधिकारियों के अनुसार कैदियों को 56 दिनों के पेरोल पर छोड़ा जा रहा है. साथ ही इसमें 2 महिला बंदी भी शामिल हैं.

65 कैदियों को किया गया रिहा
उच्चतम न्यायालय के आदेश पर सभी जिला कारागार में बंद कैदियों की सूची बनाकर शासन को भेजी गई थी. भीड़भाड़ को कम करने के लिए शासन के निर्देश पर फर्रुखाबाद जेल प्रशासन ने 65 कैदियों को छोड़ दिया है. जेलर जेएस यादव के मुताबिक 8 हफ्ते की पेरोल पर इन कैदियों को छोड़ा जा रहा है. यह सभी 26 मई को न्यायालय में पेश होंगे.

सुप्रीम कोर्ट ने दिया था आदेश
कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सभी जिला कारागार को आदेश दिया था कि कैदियों को छोड़ा जाए. सुप्रीम कोर्ट ने 23 मार्च को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया था कि वे कोरोना महामारी के मद्देनजर जेलों में बंद सात साल तक जेल की सजा पाने वाले कैदियों को पेरोल पर रिहा करें, इसके लिए उच्च स्तरीय समितियों का गठन कर विचार करें.

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