इटावा: सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी के कोविड-19 अस्पताल में भर्ती मैनपुरी की कोरोना संक्रमित महिला द्वारा बुधवार देर रात खिड़की से कूदकर आत्महत्या के मामले में उसके बेटे ने चार दिन बाद तहरीर दी है. रविवार को उसने अस्पताल प्रशासन पर देखरेख न कर पाने का आरोप लगाते हुए घटना के समय तैनात स्टाफ व सुरक्षा गार्डों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है. करवा चौथ के दिन महिला द्वारा की गई खुदकशी के इस मामले में तहरीर मिलने पर पुलिस का कहना है कि जांच कर कार्रवाई की जाएगी.
सैफई स्थित यूपी मेडिकल यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज में गत चार नवंबर यानी करवा चौथ की रात की यह घटना है. मैनपुरी जनपद के एलाऊ थानांतर्गत अजीतगंज निवासी कोरोना संक्रमित महिला ने कोविड-19 अस्पताल की तीसरी मंजिल से कूदकर खुदकशी कर ली थी. इस संबंध में घटना के चार दिन बाद मृतका के पुत्र ने रविवार को सैफई थाना में अस्पताल प्रशासन पर आरोप लगाते हुए तहरीर दी.
तहरीर में नीरज कुमार ने बताया कि, मां सुशीला देवी को ब्रेन ट्यूमर था, जिन्हें 24 अक्टूबर को सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी में भर्ती कराया था. यहां कोविड-19 जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने के चलते उन्हें कोविड-19 वार्ड में भर्ती करा दिए जाने पर परिजन घर चले गए थे. घटना के चार घंटे बाद पांच नवंबर को रात करीब एक बजे अस्पताल से मां की मौत हो जाने की सूचना दी गई. परिजनों को सुबह नौ बजे बुलाया गया था.
"सुरक्षा व्यवस्था होते हुए मां ने आत्महत्या कैसे"
पीड़ित पुत्र ने तहरीर में बताया कि, हम लोग सैफई पहुंचे तो वहां पर कोरोना पॉजिटिव महिला के छत से कूदकर जान देने की चर्चा सुनी. इस पर कोरोना वार्ड इंचार्ज से बात की तो उन्होंने बताया कि आपकी मां ने छत से कूदकर जान दे दी. वहीं पुत्र का आरोप है कि "सुरक्षा व्यवस्था होते हुए मां ने आत्महत्या कैसे कर ली. हमें गुमराह किया जा रहा है." पीड़ित पुत्र ने तहरीर में मांग की है कि और कहा की घटना के समय कोविड अस्पताल में तैनात चिकित्सकीय स्टाफ और सुरक्षा गार्डों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए. क्योंकि हमारी मां की देखरेख न होने के कारण जान गई है. थाना प्रभारी सतीश यादव ने बताया कि, मृतका के बेटे की तरफ से प्रार्थना पत्र मिला है. जांच कर कार्रवाई की जाएगी.