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पीएम की महत्वाकांक्षी स्वामित्व योजना को लेकर काम शुरू

उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में स्वामित्व योजना के तहत काम शुरू हो गया है. इसके लिए 88 गांवों का चयन किया गया है. इन गांवों में ग्राम प्रधान/प्रधानों और समाजसेवियों की मौजूदगी और सहयोग से सर्वे कराया जा रहा है.

स्वामित्व योजना के तहत किया जा रहा है सर्वे.
स्वामित्व योजना के तहत किया जा रहा है सर्वे.
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Published : Dec 14, 2020, 5:17 AM IST

इटावा: जिले के जसवंतनगर में प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी स्वामित्व योजना को लेकर प्रशासन ने त्वरित ढंग से काम शुरू किया है. इस योजना के तहत जिन ग्रामीणों की जमीन या मकान का कोई रिकॉर्ड नहीं है, उनके लिए खतौनी की तरह 'घरौनी' बनाया जाएगा.

कार्यक्रम के लिए नोडल अधिकारी और उपजिलाधिकारी ज्योत्स्ना बंधु के निर्देशन और फीडिंग सुपरवीजन अधिकारी व तहसीलदार रामानुज के नेतृत्व में क्षेत्र के 88 गांवों को चयनित किया गया है. इसके तहत राजस्व विभाग की टीम के जरिए सर्वे शुरू कर घरों के अभिलेखीकरण के साथ उनका रिकॉर्ड बनाया जाएगा. तहसील क्षेत्र के चिह्नित गांवों में तहसीलदार की निगरानी में सर्वे कार्य प्रारंभ किया गया है.

तहसीलदार ने बताया कि स्वामित्व योजना का मकसद ग्रामीण इलाकों की जमीन का मालिकाना हक तय करना और उसका रिकॉर्ड बनाना है. उन्होंने आगे बताया कि सर्वे कार्य उन्हीं स्थानों का होगा, जो भूमि राजस्व अभिलेखों में आबादी के रूप में दर्ज हैं. बिना आबादी के दर्ज स्थानों को सर्वे से बाहर रखा गया है. लेखपाल विजय बाबू, नरेश बाबू, मनदीप आदि द्वारा ग्राम प्रधान/प्रधानों और समाजसेवियों की मौजूदगी और सहयोग से सर्वे किया जा रहा है.

इटावा: जिले के जसवंतनगर में प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी स्वामित्व योजना को लेकर प्रशासन ने त्वरित ढंग से काम शुरू किया है. इस योजना के तहत जिन ग्रामीणों की जमीन या मकान का कोई रिकॉर्ड नहीं है, उनके लिए खतौनी की तरह 'घरौनी' बनाया जाएगा.

कार्यक्रम के लिए नोडल अधिकारी और उपजिलाधिकारी ज्योत्स्ना बंधु के निर्देशन और फीडिंग सुपरवीजन अधिकारी व तहसीलदार रामानुज के नेतृत्व में क्षेत्र के 88 गांवों को चयनित किया गया है. इसके तहत राजस्व विभाग की टीम के जरिए सर्वे शुरू कर घरों के अभिलेखीकरण के साथ उनका रिकॉर्ड बनाया जाएगा. तहसील क्षेत्र के चिह्नित गांवों में तहसीलदार की निगरानी में सर्वे कार्य प्रारंभ किया गया है.

तहसीलदार ने बताया कि स्वामित्व योजना का मकसद ग्रामीण इलाकों की जमीन का मालिकाना हक तय करना और उसका रिकॉर्ड बनाना है. उन्होंने आगे बताया कि सर्वे कार्य उन्हीं स्थानों का होगा, जो भूमि राजस्व अभिलेखों में आबादी के रूप में दर्ज हैं. बिना आबादी के दर्ज स्थानों को सर्वे से बाहर रखा गया है. लेखपाल विजय बाबू, नरेश बाबू, मनदीप आदि द्वारा ग्राम प्रधान/प्रधानों और समाजसेवियों की मौजूदगी और सहयोग से सर्वे किया जा रहा है.

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