इटावा : झोपड़ पट्टी के जिन गरीब बच्चों को सरकार का 'स्कूल चलो अभियान' भी स्कूल नहीं ले जा सका. उन बच्चों को पढ़ाने का बीड़ा एक सरकारी महिला टीचर ने उठाया है. महिला टीचर इन बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा देकर उन्हें अपने पैरों पर खड़ा करने की कोशिश में लगी हैं.
सीमा यादव इटावा के प्राथमिक पाठशाला दतावली की सहायक अध्यपिका हैं. उन्होंनेशहर की झोपड़पट्टी में रहने वाले गरीब बच्चों को शिक्षित कर उन्हें जीवन में आत्मनिर्भर बनाने की ठानी है. उनके जीवन में कुछ ऐसी घटनाएं घटीं, जिसने इन बच्चों को शिक्षित करने के लिये उन्हें प्रेरित किया. तब से वे इस मिशन मेंलगी हुई हैं.
सीमा ने इन बच्चों को नि:शुल्कशिक्षा देने के साथ ही कॉपी, किताब, पहनने के लिये कपड़े औरखाने-पीने की सामग्री का जिम्मा भी खुद उठा रखा है. सीमा की इस सराहनीय पहल में अब समाज केलोगों ने भी मदद करनी शुरू कर दी है. उनका कहना है कि ये सभी बच्चे शहर में कूड़ा बीनने औरभीख मांगने का काम करते थे. इसलिए अब उन्हें शिक्षित बनाकरआत्मनिर्भर बनाना चाहती हूं.