इटावा: लॉकडाउन के दौरान मजदूर दूसरे राज्यों से पलायन करके अपने जिलों में पहुंच रहे हैं, जिसके बाद वहां पर लोगों को रोजगार और जीवन यापन की समस्या भी हो रही है. जिसे दूर करने के लिए जिला में कई योजनाएं चलाई जा रही है और लोगों को दो लाख से लेकर दो करोड़ रुपए तक की मदद की जा रही है. जिससे वो अपना स्वरोजगार शुरू कर सकते हैं.
जिला उद्योग केंद्र के उपायुक्त ने बताया कि हम लोग स्वयं लोगों को इसके लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं. लगातार इसी का प्रचार प्रसार किया जा रहा है, ताकि अधिक से अधिक संख्या में लोग आए और आवेदन करके अपना रोजगार शुरू कर सकें.
लॉकडाउन के बीच आवेदनों में इजाफा
उपायुक्त सुधीर कुमार ने बताया कि लॉकडाउन के बीच आवेदन की संख्या में इजाफा हुआ है. अभी तक केंद्र जिला उद्योग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं में 60 से 65 आवेदन आए हैं. ऐसे में लॉकडाउन के बाद और भी आवेदन आने की संभावना है.
ऑनलाइन भी कर सकते हैं आवेदन
उपायुक्त ने बताया कि जो भी प्रवासी श्रमिक वापस अपने जिले में आए हैं, वो बिना केंद्र पर आये www.diupmsme.upsdc.gov.in वेबसाइट पर जाकर वहां उपलब्ध 10 से अधिक ट्रेड में आवेदन कर सकते हैं.
दो लाख से दो करोड़ रुपए तक की मिलेगी मदद
उपायुक्त ने बताया कि केंद्र द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं में लोगों को दो लाख से लेकर दो करोड़ रुपए की मदद की जाएगी. जिसमें श्रमिक को कुछ सब्सिडी भी दी जाएगी मुख्य रूप से चल रही योजनाए इस प्रकार है- मुख्यमंत्री युवा योजना, विश्वकर्मा सम्मान योजना, वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट योजना.