इटावा: उत्तर प्रदेश शिक्षा विभाग में अनामिका शुक्ला कांड के बाद शासन ने शिक्षा विभाग के समस्त विद्यालयों में तैनात शिक्षकों के मूल अभिलेखों की जांच करने के लिए दिशा-निर्देश दिए हैं. इसके चलते इटावा के समाज कल्याण विभाग के अधीन आश्रम पद्धति के विद्यालयों के शिक्षकों एवं प्रधानाचार्य के मूल अभिलेखों की जांच कराई जा रही है.
इटावा में आश्रम पद्धति के दो विद्यालय हैं. एक विद्यालय चांदनी गांव में है और एक नगला हीरालाल गांव में है. जिलाधिकारी जेबी सिंह ने अभिलेखों की जांच के लिए अपर जिलाधिकारी ज्ञान प्रकाश श्रीवास्तव, पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी प्रशांत कुमार सिंह और समाज कल्याण अधिकारी शिशुपाल सिंह को 3 सदस्यीय जांच कमेटी में शामिल किया है. साथ ही निर्देश दिया गया है कि जल्द से जल्द रिपोर्ट सबमिट की जाए, जिससे उत्तर प्रदेश शासन को भेजा जा सके.
समाज कल्याण अधिकारी शिशुपाल सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश में अनामिका शुक्ला के नाम से एक साथ कई विद्यालयों में नौकरी कर शिक्षा विभाग को करोड़ों रुपये का चूना लगाने का मामला सामने आया था. इसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार से शासनादेश अभिलेखों की बारीकी से जांच कर रिपोर्ट मांगी है. इसी क्रम में शिक्षा विभाग से समाज कल्याण अधिकारी की ओर से संचालित जनपद में आश्रम पद्धति के 2 विद्यालयों को संचालित किया जाता है. इसमें प्रधानाचार्य, अध्यापकगण व फार्मासिस्ट समेत 33 लोग नौकरी कर रहे हैं.
उन्होंने बताया कि शासन से निर्देश आने के बाद इटावा के जिलाधिकारी जेबी सिंह की ओर से सभी 33 कर्मचारियों के मूल अभिलेखों की ऑनलाइन जांच 3 सदस्य कमेटी के द्वारा कराई जा रही है. इस कमेटी में एडीएम समाज कल्याण अधिकारी और पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी नामित किए गए हैं. हम लोगों के द्वारा आश्रम पद्धति में तैनात सभी अध्यापकों के मूल अभिलेखों की बारीकी से जांच कराई जा रही है. जांच के बाद इसकी रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी जाएगी, जिसे शासन को भेज दिया जाएगा.