इटावा: प्रधानमंत्री टीवी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत आज जिला क्षय रोग नियंत्रण केंद्र पर गोष्ठी हुई. इसमें जिले को टीबी मुक्त बनाने की लोगों को शपथ दिलाई गई. जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. शिवचरण हेंब्रम ने बताया कि पहले टीबी की जांच होती थी. लेकिन, हम उन चीजों का पता नहीं लगा पाए थे. अब हाई टेक्नोलॉजी से बीमारी का पता चल रहा है और बड़े स्तर पर मरीजों का इलाज भी किया जा रहा है.
2025 तक प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत पिछले वर्ष से मरीजों को गोद लेकर पोषण किट वितरित कर चुके हैं. इस अवसर पर जिला क्षय रोग नियंत्रण केंद्र पर गोष्ठी हुई. साथ ही स्वस्थ पोषण आहार लेने की सलाह दी गई, जिससे समय पर दवा लेने के साथ-साथ कुपोषण को भी दूर भगाया जा सके. एक गंभीर, संक्रामक और बैक्टीरिया से होने वाली बीमारी जो मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करती है और जानलेवा हो सकती है.
टीबी पैदा करने वाला बैक्टीरिया किसी संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से फैलता है. बैक्टीरिया के कारण होने वाली टीबी के लक्षण इससे प्रभावित ज़्यादातर लोगों में दिखाई नहीं देते हैं. लक्षणों में दो हफ्ते से ज्यादा खांसी (कई बार खून की), वजन कम होना, रात को पसीना आना और बुखार शामिल है. बिना लक्षणों वाले लोगों के लिए हमेशा उपचार आवश्यक नहीं है. सक्रिय लक्षणों वाले मरीजों को कई एंटीबायोटिक दवाओं से युक्त लंबे उपचार की आवश्यकता होगी.
डॉक्टर शिवचरण हेंब्रम ने बताया कि जिले में इस समय कुल 3900 मरीज हैं, जिनका इलाज टीवी अस्पताल द्वारा किया जा रहा है. समय-समय पर सरकार की जो योजनाएं आती हैं, वह उन तक पहुंचाई जाती हैं. साथ ही भरण-पोषण का सामान भी दिया जाता है. प्रधानमंत्री मोदी का सपना है कि 2025 में टीबी मुक्त भारत बनाया जा सके. इसके लिए टीबी खोज अभियान चलाया जा रहा है. उनके सपने को साकार करने में यह अभियान मुख्य भूमिका अदा करेगा.
उन्होंने कहा कि अस्पताल में जागरूकता कार्यक्रम हुआ. इसमें 2025 तक इटावा को टीबी मुक्त करने की शपथ ली गई. कार्यक्रम में डॉक्टरों ने कहा कि यदि रोगी सही इलाज ले तो वह ठीक हो सकता है. टीबी अस्पताल के डॉक्टर और अन्य कर्मचारियों द्वारा शपथ ली गई.
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