इटावा: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर राजस्थान के कोटा में फंसे अध्ययनरत छात्र छात्राओं को अपने-अपने घरों तक लाने के लिए परिवहन विभाग ने पहल शुरू कर दी है. इसी कड़ी में शनिवार को पहली बस की खेप से 19 छात्र-छात्राएं इटावा पहुंच गए है.
वहीं देर रात तक बच्चों के आने का सिलसिला जारी रहा, जिसमें 55 बच्चे इटावा पहुंचे और बाकी आगे अपने जिले को निकाल गए. थर्मल स्क्रीनिंग करने के बाद जो भी स्वस्थ है उनको उनके परिजनों को सौंप दिया गया और उनसे स्व घोषणा पत्र लेकर उन सभी को परिवार समेत 14 दिन तक के लिए क्वारंटाइन रहने को कहा गया.
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद से ही पूरे प्रदेश समेत इटावा में बच्चों का कोटा से आना जारी है. वहीं जिलाधिकारी जितेंद्र बहादुर सिंह ने यह जानकारी देते हुए बताया कि पहली खेप के तौर पर शाम 4 बजे 19 छात्र छात्राओं को ले आया गया है. देर रात तक इटावा और इटावा के आसपास के सभी छात्रों के यहां पहुंचने की संभावना है.
कोटा से आए बच्चों की पहले हो रही स्क्रीनिंग
प्रशासन ने बताया कि इटावा में भी रोडवेज बसों में बैठकर आए छात्र छात्राओं को प्राथमिक जांच के लिए शेल्टर होम में रोका गया है. यहां पर छात्र-छात्राओं की थर्मल स्क्रीनिंग करवाकर जांच की जा रही है. जांच के बाद छात्र छात्राओं को उनके घर तक पहुंचाने के लिए प्रशासन की तरफ से व्यवस्थाएं करवाई जा रही है और सभी को खाने पीने की व्यवस्था करवाई गई है.
वहीं अगर किसी छात्र-छात्रा में जांच के दौरान कोरोना का कोई लक्षण नजर आता है तो उसे क्वारंटाइन किया जाएगा. प्रशासन की तरफ से सभी छात्र-छात्राओं को उनके घर तक पहुंचवाने के लिए सम्बंधित थाना पुलिस और परिवहन विभाग को निर्देशित किया गया है.
अभी तक किसी बच्चे में नहीं मिले लक्षण
छात्र-छात्राओं की जांच कर रहे डिप्टी सीएमओ डॉ. महेश चंद्र ने बताया कि कोटा से रोडवेज बसों से छात्र-छात्राओं को लाया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग का ओर से शेल्टर होम में सभी की थर्मल स्क्रीनिंग करवाई जा रही है. अभी तक किसी में भी कोरोना के कोई लक्षण नजर नही आ रहे है.
बच्चों के लिए की जा रही सभी व्यवस्था
नगर पालिका के अधिशाषी अधिकारी अनिल कुमार ने बताया कि कोटा से आए सभी छात्र-छात्राओं के लिए नगर पालिका की ओर से खाने का इंतजाम करवाया गया है. सभी को खाना खिलवाने के बाद परिवहन विभाग का ओर से उनके घर तक पहुंचाया जा रहा है.
14 दिन घर पर क्वारंटाइन की शर्त पर भेजा घर
सभी बच्चों को जांच के बाद उनके परिजनों को सौंप दिया गया है. इसके बाद उनके परिजनों से स्व घोषणा पत्र भी भरवाए, जिसमें सभी को 14 दिन अपने परिवार के साथ क्वारेंटाइन करने की बात कही गई है.