इटावा: एनएच-2 पर हुए सड़क हादसे को लेकर सपा के जिला अध्यक्ष गोपाल यादव ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि प्रशासन अगर समय रहते ही सही से कार्रवाई करता तो शायद कुछ लोगों की जान बच सकती थी.
गोपाल यादव का कहना है कि हादसा रात साढ़े नौ बजे हुआ था, लेकिन उनके शव एक बजे निकाले गए. इससे साफ तौर पर प्रशासन की लापरवाही देखी जा सकती है. उनका कहना है कि जो भी मृतक हैं, उनके परिवार को कम से कम 20 लाख की सहायता राशि देनी चाहिए. इसी के साथ मृतक के भाई ने भी यह बात कही कि वो प्रशासन से बार-बार झील में शव होने की बात कह रहा था, लेकिन जब प्रशासन ने उसकी बात नहीं सुनी तो उसने खुद झील के पास जाकर शव को निकाला.
20 लाख रुपये मुआवजे की मांग
हादसे के बाद अस्पताल पहुंचे गोपाल यादव ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर प्रशासन थोड़ा पहले कार्रवाई करता तो लोगों की जान बच जाती. वहीं उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि इन लोगों को कम से कम 20 लाख रुपये का मुआवजा राशि मिलनी चाहिए.
बार-बार कहने पर भी प्रशासन ने नहीं सुनी बात
मृतक के भाई ने बताया कि जैसे ही घटना की जानकारी उसे हुई वो तुरंत हाई-वे की तरफ गया. वहां उसने पुलिसवालों से बार-बार कहा कि शायद झील में शव हो सकता, लेकिन उसकी किसी ने बात नहीं सुनी. फिर रात में करीबन एक बजे के बाद वह खुद झील के पास गया था, उसने वहां से शव को निकाला और तब शव को मर्चुरी पर लाया गया.
रात को हुई थी घटना, अभी तक नहीं हुआ पोस्टमार्टम
सपा जिला अध्यक्ष ने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि रात में करीब 9 बजे घटना हुई और शव रात को 1 बजे निकाला गया. वहीं अब सुबह भी हो चुकी हैं, लेकिन अभी तक शवों का पोस्टमार्टम नहीं हुआ. यह कहीं न कहीं प्रशासन की लापरवाही को साफ दिखाता है.
शासन ने मृतक के परिवारों को दिया दो लाख मुआवजा
घटना के बाद ही तुरंत शासन ने मृतक के परिवारों के लिए सहायता राशि की घोषणा कर दी. उन्होंने प्रत्येक मृतक के परिवार को दो लाख रुपये देने की घोषणा की है.