इटावा: वैसे तो चंबल का नाम आते ही डाकुओं की तस्वीर सामने आ जाती है लेकिन अब चंबल में सब कुछ बदल गया है. यहां अब बंदूकें तो दिख रही है लेकिन ये बंदूकें ऐसे हाथों में है, जो देश और देश के बाहर सोने पर निशाना लगाकर देश का मान बढ़ाते हैं.
चंबल परिवार द्वारा आयोजित पांच नदियों के संगम पर नेशनल चंबल शूटिंग चैंपियनशिप का आयोजन किया गया. उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि इंटनेशनल शूटर और अर्जुन अवार्डी रचना गोविल ने अपने जीवन से जुड़े हुए कई प्रेरक प्रसंग सुनाकर खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि टॉप पर पहुंचने के लिए जी तोड़ मेहनत करनी पड़ती है. अगर खिलाड़ी को मेडल मिलता है तो इससे गांव, जनपद और देश का नाम रोशन होता है. उपेक्षित और पिछड़े बीहड़ को आगे बढ़ाने के लिए स्वयं यहां के निवासियों को आगे आना होगा. उन्होंने प्रस्ताव दिया कि बीहड़ में शूटिंग स्कूल बनने से यहां से भी तमाम प्रतिभाएं निलकलेंगी. यहां के खिलाडियों के लिए वे स्वयं एक पिस्टल गिफ्ट करेंगी.
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आजादी आंदोलन के महानायक कमांडर इन चीफ गेंदालाल दीक्षित के वंशज डॉ. मधुसूदन दीक्षित ने कहा कि चंबल फाउंडेशन ने आजादी योद्धा गेंदालाल लाल दीक्षित को गौरवमयी सम्मान दिलाने के लिए उनकी जन्मभूमि से लेकर कर्मभूमि तक लगातार आयोजन किया है. आज आजादी के हीरक वर्ष में हो रही. यह शूटिंग चैपियनशिप उसी श्रृखंला की एक-एक एतिहासिक कड़ी है. संयोजक सुविख्यात शूटर राहुल तोमर ने कहा कि नेशनल चंबल शूटिंग चैपियनशिप का अगला संस्करण बड़े पैमाने पर और भव्य किया जाएगा.
विजयी रहे नेशनल चंबल शूटिंग प्रतियोगिता का पुरस्कार वितरण समारोह में खिलाड़ियों को प्रमाण पत्र और मेडल चंबल परिवार प्रमुख डॉ. शाह आलम राना के हाथों से प्रदान किया गया. फ्री फील्ड सीनियर मैन पीप साइड राइफल में सौरभ शाक्य को गोल्ड, सीनियर ओमेन गोल्ड वर्षा भदौरिया, जूनियर मैन में गोल्ड रोहित यादव, जूनियर ओमन में गोल्ड गौरी चतुर्वेदी, फ्री फिल्म ओपन साइड राइफल में गोल्ड टोनी साइमन, जूनियर मैन में गोल्ड सचिन यादव, मास्टर केटेगरी में गोल्ड मनीष सहाय, मिक्स डबल में गोल्ड अनिल पाल और गौरी चतुर्वेदी को संयुक्त रूप से प्रदान किया गया.
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