मैनपुरीः इटावा में शुक्रवार को एक निजी कार्यक्रम पहुंचे कैबिनेट मंत्री जयवीर सिंह ने मीडिया से बातचीत कर सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य पर जमकर हमला बोला. वहीं, उन्होंने बदायूं से बीजेपी सांसद संघमित्रा मौर्य के पिता का समर्थन करने पर कहा कि उन्हें निर्णय लेना पड़ेगा. वे पार्टी के साथ हैं, या पिता के साथ हैं. कैबिनेट मंत्री जयवीर सिंह ने सपा सांसद डिंपल यादव द्वारा नेताजी मुलायम सिंह यादव को भारत रत्न देने की मांग पर कहा कि बीजेपी राष्ट्रहित में फैसले लेती है. उन्हें लग रहा है कि नेताजी को सम्मान देने से उनका वोट खिसक सकता है. लेकिन भारतीय जनता पार्टी राजनीति ऐसा नहीं करती है.
इनकी जगह अगर सपा होती तो क्या किसी बीजेपी के नेता को ये सम्मान देती. जब अखिलेश यादव, कल्याण सिंह की मृत्यु पर एक फूल अर्पित करने नहीं गए तो इसी से समझ लेना चाहिए. आज बीजेपी ने स्वर्गीय मुलायम सिंह को सम्मानित करने का काम किया है. राजनीतिक लोगों को इससे सबक लेना चाहिए. राजनीति करने वाले लोगों को धन्यवाद करना चाहिए.
स्वामी प्रसाद मौर्य के द्वारा दिए नेताजी का उपहास उड़ाये जाने वाले बयान पर मंत्री ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की. उन्होंने कहा कि वे सठिया गए हैं. उनके मूर्खतापूर्ण बयानों पर जनता ध्यान नहीं दे रही है. उन्होंने कहा कि, अखिलेश यादव की चुप्पी स्वामी प्रसाद मौर्य का मौन समर्थन है. अगर नहीं है तो वे निर्णय लें और उनको समाजवादी पार्टी से निकालकर बाहर करना चाहिए. वहीं, मंत्री ने कहा कि बेटी संघमित्रा को दोनों में से एक चुनना पड़ेगा. इसलिए अब संघमित्रा को निर्णय लेना पड़ेगा कि वे पार्टी के साथ खड़ी हैं या पिता के साथ हैं. अगर वह पिताजी के साथ गई तो परिणाम जल्द आएंगे. बता दें कि संघमित्रा मौर्य ने अपने पिता स्वामी प्रसाद मौर्य के रामचरितमानस पर दिए गए विवादित बयान का समर्थन किया है.