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इटावा: मानदेय बढ़ोतरी को लेकर हड़ताल पर बैठे इंटर्न डॉक्टर्स

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Published : Jul 13, 2020, 4:01 PM IST

Updated : Sep 4, 2020, 12:24 PM IST

इटावा में इंटर्न डॉक्टर्स हड़ताल पर बैठे हैं. सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी के इंटर्न्स की मांग है कि उनका मानदेय बढ़ाया जाये. इसी मांग को लेकर सीएम योगी के नाम डीएम को इंटर्न डॉक्टर्स ने ज्ञापन सौंपा है.

etawah
इंटर्न डॉक्टर्स.

इटावा: कोरोना संकट के बीच जिले में इंटर्न डॉक्टर्स हड़ताल पर बैठे हैं. उनकी मांग है कि उनका मानदेय बढ़ाया जाये. इटावा जनपद के सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी के इंटर्न डॉक्टर्स मानदेय न बढ़ने को लेकर 8 जुलाई से हड़ताल पर बैठे हैं. वहीं अपनी मांगों को लेकर सभी इंटर्न डॉक्टर सोमवार को जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया. ज्ञापन में मानदेय बढ़ाने की मांग की गई.

पिछले 4 महीने से लगा रहे गुहार
सैफई मेडिकल कॉलेज में कार्यरत इंटर्न डॉ. मनीष सिंह का कहना है कि पिछले 4 महीने से ट्वीटर और पत्राचार के माध्यम से सरकार से अपने मानदेय बढ़ाने की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन न ही मानदेय बढ़ा और न सरकार की तरफ से कोई आश्वासन मिल रहा है. इस वजह से अब 8 जुलाई से हड़ताल पड़ बैठे हैं. उन्होंने बताया कि अपनी मांग सीएम योगी तक पहुंचाने के लिए डीएम को ज्ञापन सौंपा गया है. इसमें सरकार से मांग की गई है कि मानदेय अन्य प्रदेशों के इंटर्न की तरह बढ़ाया जाए.

अन्य राज्यों की अपेक्षा 4 गुना कम है मानदेय
सैफई पीजीआई में कार्यरत डॉ. शिवांगी का कहना है कि अन्य प्रदेशों की तुलना में उत्तर प्रदेश में इंटर्न का मानदेय 4 गुना कम है. इसी के साथ उन्होंने कहा कि जहां उत्तर प्रदेश में हमें 7500 रुपये मिलता है वहीं अन्य प्रदेश में 25 हजार से लेकर 30 हजार रुपये मिलता है. इस वजह से सभी हड़ताल पर बैठे हैं. इसी के साथ उन्होंने कहा कि हम कोरोना काल मे नि:स्वार्थ भाव से लगे हैं, लेकिन सरकार मानदेय कम देती है. मानदेय कम मिलने की वजह से स्थिति बहुत खराब है.

इंटर्न डॉक्टर्स का कहना है कि वे लोग कोरोना काल में 14 घंटे काम करते हैं, लेकिन अब मानदेय न बढ़ने की वजह से मनोदशा पर भी असर पड़ रहा है.

इटावा: कोरोना संकट के बीच जिले में इंटर्न डॉक्टर्स हड़ताल पर बैठे हैं. उनकी मांग है कि उनका मानदेय बढ़ाया जाये. इटावा जनपद के सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी के इंटर्न डॉक्टर्स मानदेय न बढ़ने को लेकर 8 जुलाई से हड़ताल पर बैठे हैं. वहीं अपनी मांगों को लेकर सभी इंटर्न डॉक्टर सोमवार को जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया. ज्ञापन में मानदेय बढ़ाने की मांग की गई.

पिछले 4 महीने से लगा रहे गुहार
सैफई मेडिकल कॉलेज में कार्यरत इंटर्न डॉ. मनीष सिंह का कहना है कि पिछले 4 महीने से ट्वीटर और पत्राचार के माध्यम से सरकार से अपने मानदेय बढ़ाने की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन न ही मानदेय बढ़ा और न सरकार की तरफ से कोई आश्वासन मिल रहा है. इस वजह से अब 8 जुलाई से हड़ताल पड़ बैठे हैं. उन्होंने बताया कि अपनी मांग सीएम योगी तक पहुंचाने के लिए डीएम को ज्ञापन सौंपा गया है. इसमें सरकार से मांग की गई है कि मानदेय अन्य प्रदेशों के इंटर्न की तरह बढ़ाया जाए.

अन्य राज्यों की अपेक्षा 4 गुना कम है मानदेय
सैफई पीजीआई में कार्यरत डॉ. शिवांगी का कहना है कि अन्य प्रदेशों की तुलना में उत्तर प्रदेश में इंटर्न का मानदेय 4 गुना कम है. इसी के साथ उन्होंने कहा कि जहां उत्तर प्रदेश में हमें 7500 रुपये मिलता है वहीं अन्य प्रदेश में 25 हजार से लेकर 30 हजार रुपये मिलता है. इस वजह से सभी हड़ताल पर बैठे हैं. इसी के साथ उन्होंने कहा कि हम कोरोना काल मे नि:स्वार्थ भाव से लगे हैं, लेकिन सरकार मानदेय कम देती है. मानदेय कम मिलने की वजह से स्थिति बहुत खराब है.

इंटर्न डॉक्टर्स का कहना है कि वे लोग कोरोना काल में 14 घंटे काम करते हैं, लेकिन अब मानदेय न बढ़ने की वजह से मनोदशा पर भी असर पड़ रहा है.

Last Updated : Sep 4, 2020, 12:24 PM IST
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