इटावाः जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का बिगुल बज चुका है और सरगर्मियां तेज गई हैं. जिले की ग्राम पंचायतों में मूलभूत सुविधाओं की कितनी व्यवस्थाएं हुई हैं और ग्रामीण को चुनाव से क्या उम्मीद है, यह जानने के लिए ETV BHARAT की टीम जनपद के महेवा ब्लाक के शेरपुर गांव में ग्राम पंचायत में पहुंचकर जायजा लिया. इस दौरान ग्रामीणों ने मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं होने की बात कही.
ग्राम पंचायतों को सुदृढ और मजबूत बनाने के लिए पंचायती राज अधिनियम लाया गया और प्रदेश व केंद्र सरकार ग्राम पंचायत के विकास के लिए अनेकों फंड भी वित्तीय वर्ष के दौरान देती हैं. लेकिन जिला मुख्यालय से करीब 25 किलोमीटर की दूरी पर महेवा विकासखंड के गांव शेरपुर में आज भी समस्याओं का अंबार है.
गलियों में भरा गंदा पानी
गांव शेरपुर की गलियों में जगह-जगह पानी भरा है और नालियां साफ नहीं है. ग्रामीणों का कहना है कि सफाई कर्मी कभी गांव में सफाई करने ही नहीं आता है. जिससे ग्राम सभा में स्वच्छ भारत मिशन के दावे खोखले साबित हो रहे हैं. इसके गांव में प्रकाश की व्यवस्था गांव में नहीं है, जिससे छोटे बच्चे, वृद्ध और विकलांगों को रात में निकलने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. वहीं गांव वृद्धों को पेंशन भी नहीं मिलती है, उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है.
चुनाव के बाद समस्याएं भूल जाते हैं प्रधान
ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत चुनाव आने से पहले उम्मीदवार बड़े-बड़े दावे और वादे करते हैं लेकिन चुनाव जीतने के बाद उनकी समस्या धरी रह जाती है. गांव के प्राइमरी स्कूल की बात की जाए तो बाउंड्री तो बनाई गई है, लेकिन बच्चों को खेलने के लिए खेल का मैदान ऊंचा नीचा टेढ़ा मेढ़ा है जिससे बच्चों को खेलने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
गांव के लोगों को नहीं मिला पीएम आवास
ETV BARAT से बातचीत करते हुए ग्रामीणों ने कहा कि उनका टूटा-फूटा मकान है लेकिन अभी तक प्रधानमंत्री आवास योजना ही आप मुख्यमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिला. वहीं एक ग्रामीण का कहना है कि गांव के अंदर हैंड पंप कम लगे हैं और जो लगे हैं उनका रिबोर नहीं हुआ है, जिसके चलते पानी की समस्या होती है. ग्रामीणों ने बताया कि में अनेकों लोगों को शौचालय नहीं मिले हैं, जिससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसके साथ साथ बिजली के तार में आए दिन फाल्ट हो जाता है और कई दिन तक लाइट नहीं आती. शिकायत करने पर भी बिजली विभाग ध्यान नहीं देता.