इटावा: जनपद में फर्जी दस्तावेज लगाकर शिक्षा विभाग में नौकरी करने वाले अध्यापकों के खिलाफ मुकदमे दर्ज होने की कार्रवाई युद्ध स्तर पर चल रही है. एसटीएफ की जांच से शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. जनपद में अभी तक 15 अध्यापकों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं.
बेसिक शिक्षा अधिकारी अजय कुमार सिंह ने बताया कि जनपद में चल रही जांच में अभी तक 15 अध्यापकों के मूल अभिलेखों में गड़बड़ी पाई गई है. जांच में दोषी पाए गए सभी अध्यापकों के खिलाफ मुकदमे दर्ज कराए जा चुके हैं. सभी अध्यापकों से रिकवरी करवाने के लिए डाटा तैयार किया जा रहा है. उन्होंने यह भी बताया कि एसआईटी की जांच के आधार पर न्यायालय द्वारा प्रदेश में 2823 शिक्षक फर्जी घोषित किए गए हैं, जिनमें 6 अध्यापक जनपद के थे. इसके बाद से सभी अध्यापकों के दस्तावेजों की जांच एसटीएफ के द्वारा कराई जा रही है.
एसटीएफ की ओर से जिला स्तरीय जांच में अध्यापकों को दो श्रेणी में रखकर जांच कराई जा रही है. पहली श्रेणी में फर्जी और दूसरी श्रेणी में टेम्पर्ड, जिसके आधार पर सभी के मूल अभिलेखों की जांच की जा रही है. इस जांच में अभी तक 9 अध्यापक और दोषी पाए गए हैं, जिन्हें मिलाकर जनपद में फर्जी तरीके से नौकरी पाने वाले अध्यापकों की संख्या 15 हो गई है.
सभी अध्यापकों के खिलाफ शिक्षा विभाग के द्वारा मुकदमे दर्ज करवाए जा चुके हैं. इन सभी अध्यापकों के रिकवरी करने के लिए डाटा तैयार किया जा रहा है. साथ में बेसिक शिक्षा अधिकारी ने यह भी बताया कि जनपद में कुल अध्यापकों की संख्या 4557, शिक्षा मित्रों की संख्या 1244 और अनुदेशकों की संख्या 117 है. सभी के दस्तावेजों की जांच की जा रही है और कार्रवाई भी की जा रही है.