ETV Bharat / state

इटावा: धन के अभाव में अत्याधुनिक जेल का निर्माण कार्य अधर में लटका - इटावा में बनाई जा रही अत्याधुनिक जेल

उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में बजट की कमी के कारण अत्याधुनिक जेल का निर्माण कार्य रुक गया है. साल 2014 में शुरू हुए निर्माण कार्य को साल 2017 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था. धन के अभाव में अत्याधुनिक जेल का निर्माण कार्य अधर में लटक गया है.

etv bharat
बजट की कमी के कारण रुका अत्याधुनिक जेल का निर्माण कार्य.
author img

By

Published : Jun 16, 2020, 10:34 PM IST

Updated : Sep 4, 2020, 12:24 PM IST

इटावा: जिले में सैफई रोड पर 58 एकड़ जमीन पर 272 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली नई जेल का निर्माण कार्य अधर में लटक गया है. जेल का निर्माण कार्य साल 2017 में ही पूरा किए जाने का लक्ष्य रखा गया था लेकिन बजट की कमी के कारण निर्माण कार्य रुक हो गया है. वहीं अभी तक प्रदेश सरकार की ओर से बजट नहीं जारी किया गया. इस जेल को सेंट्रल जेल बनाने का भी प्रस्ताव सरकार के पास भेजा गया है. बनाए जा रहे इस जेल में कैदियों के लिए स्कूल और अस्पताल सहित कई व्यवस्थाएं होगी.

बजट की कमी के कारण रुका अत्याधुनिक जेल का निर्माण कार्य.

साल 2014 में शुरू हुआ था निर्माण कार्य

इटावा जिला जेल में लगातार कैदियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए साल 2014 में सैफई में एक और जेल का निर्माण कार्य शुरू किया गया. कार्य को साल 2017 में पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया. निर्माण की लागत 272 करोड़ रुपये रखी गई और सरकार की ओर से 252 करोड़ रुपये का ही बजट जारी किया गया था. बजट जारी होने के बाद निर्माण कार्य शुरू किया गया लेकिन बजट की कमी के कारण काम बीच में ही रूक गया. अधिकारियों ने बताया कि बजट का 20 करोड़ रुपये अभी नहीं जारी किया गया है. बकाया पैसा जारी होने के बाद तीन माह से कम समय में जेल का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा. नई जेल में पुलिस कांस्टेबल से लेकर अधिकारियों के रहने के लिए कुल 150 आवास का निर्माण किया गया है, जिसमें 110 सामान्य आवास है.

पुरानी जेल से तीन गुना अधिक क्षमता
1840 में बनी पुरानी जेल में 610 कैदियों के रहने की क्षमता है. वहीं बनाई जा रही नई जेल में 1860 कैदियों के रहने की व्यवस्था है. जेल में कैदियों को सोने के लिए प्लेटफॉर्म की भी व्यवस्था की गई है. इस जेल के कई बैरक में अटैच बाथरूम भी बनाया गया है. सामान्य बैरक में 30 कैदियों को एक साथ रखने की व्यवस्था की गई है. जेल में कैदियों के लिए स्कूल, अस्पताल, मल्टीपरपज हाॅल, सामान रखने के लिए अलमारी और सोने के लिए प्लेटफार्म की व्यवस्था होगी. इतना ही नहीं डबल स्टोरी जेल का भी बनाया जाएगा. निर्माण कार्य पूरा होने के बाद यह प्रदेश की पहली अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस जेल होगी.


पुरानी जेल में हैं क्षमता से अधिक कैदी
जेल अधीक्षक राज किशोर सिंह ने बताया कि अभी जिला जेल में 610 कैदियों को रखने की व्यवस्था है लेकिन जेल में करीब 1600 कैदी है. इसे देखते हुए नई जेल का निर्माण हो रहा है. प्रोजेक्ट मैनेजर जनार्दन सिंह ने बताया कि 86 फीसदी निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. हमने शासन को डिमांड भेज दी है, जैसे ही फंड मिल जाएगा रूका हुआ काम 3 माह के अंदर पूरा कर लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि अभी तक 252 करोड़ रुपए दिया गया है. बजट का 20 करोड़ रुपये मिलना बाकी है.

इटावा: जिले में सैफई रोड पर 58 एकड़ जमीन पर 272 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली नई जेल का निर्माण कार्य अधर में लटक गया है. जेल का निर्माण कार्य साल 2017 में ही पूरा किए जाने का लक्ष्य रखा गया था लेकिन बजट की कमी के कारण निर्माण कार्य रुक हो गया है. वहीं अभी तक प्रदेश सरकार की ओर से बजट नहीं जारी किया गया. इस जेल को सेंट्रल जेल बनाने का भी प्रस्ताव सरकार के पास भेजा गया है. बनाए जा रहे इस जेल में कैदियों के लिए स्कूल और अस्पताल सहित कई व्यवस्थाएं होगी.

बजट की कमी के कारण रुका अत्याधुनिक जेल का निर्माण कार्य.

साल 2014 में शुरू हुआ था निर्माण कार्य

इटावा जिला जेल में लगातार कैदियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए साल 2014 में सैफई में एक और जेल का निर्माण कार्य शुरू किया गया. कार्य को साल 2017 में पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया. निर्माण की लागत 272 करोड़ रुपये रखी गई और सरकार की ओर से 252 करोड़ रुपये का ही बजट जारी किया गया था. बजट जारी होने के बाद निर्माण कार्य शुरू किया गया लेकिन बजट की कमी के कारण काम बीच में ही रूक गया. अधिकारियों ने बताया कि बजट का 20 करोड़ रुपये अभी नहीं जारी किया गया है. बकाया पैसा जारी होने के बाद तीन माह से कम समय में जेल का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा. नई जेल में पुलिस कांस्टेबल से लेकर अधिकारियों के रहने के लिए कुल 150 आवास का निर्माण किया गया है, जिसमें 110 सामान्य आवास है.

पुरानी जेल से तीन गुना अधिक क्षमता
1840 में बनी पुरानी जेल में 610 कैदियों के रहने की क्षमता है. वहीं बनाई जा रही नई जेल में 1860 कैदियों के रहने की व्यवस्था है. जेल में कैदियों को सोने के लिए प्लेटफॉर्म की भी व्यवस्था की गई है. इस जेल के कई बैरक में अटैच बाथरूम भी बनाया गया है. सामान्य बैरक में 30 कैदियों को एक साथ रखने की व्यवस्था की गई है. जेल में कैदियों के लिए स्कूल, अस्पताल, मल्टीपरपज हाॅल, सामान रखने के लिए अलमारी और सोने के लिए प्लेटफार्म की व्यवस्था होगी. इतना ही नहीं डबल स्टोरी जेल का भी बनाया जाएगा. निर्माण कार्य पूरा होने के बाद यह प्रदेश की पहली अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस जेल होगी.


पुरानी जेल में हैं क्षमता से अधिक कैदी
जेल अधीक्षक राज किशोर सिंह ने बताया कि अभी जिला जेल में 610 कैदियों को रखने की व्यवस्था है लेकिन जेल में करीब 1600 कैदी है. इसे देखते हुए नई जेल का निर्माण हो रहा है. प्रोजेक्ट मैनेजर जनार्दन सिंह ने बताया कि 86 फीसदी निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. हमने शासन को डिमांड भेज दी है, जैसे ही फंड मिल जाएगा रूका हुआ काम 3 माह के अंदर पूरा कर लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि अभी तक 252 करोड़ रुपए दिया गया है. बजट का 20 करोड़ रुपये मिलना बाकी है.

Last Updated : Sep 4, 2020, 12:24 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.