एटा: ई-आई एलएल एप ट्रेनिंग में जिले का द्वितीय स्थान रहा. इस दौरान 93 प्रतिशत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की ट्रेनिंग संपन्न हुई. 100 प्रतिशत मुख्य सेविकाओं का प्रशिक्षण भी पूर्ण हुआ. जिले में कुल 1704 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण होना था. इनमें से 1606 आंगनाबाड़ी कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण पूर्ण हो चुका है.
रोचक तरीके से प्रशिक्षण देना है उद्देश्य
जिला कार्यक्रम अधिकारी संजय कुमार सिंह ने बताया कि ई-आई एलए एप का उद्देश्य रोचक ऑडियो एवं वीडियो के माध्यम से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देना है. प्रशिक्षण से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सही प्रशिक्षण पाकर अपने कार्य में कुशल हो सकेंगी. उन्होंने बताया कि जिले में अब तक सभी 14 मुख्य सेविका यह ट्रेनिंग ले चुकी हैं और 1606 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भी अपनी ट्रेनिंग पूरी कर चुकी हैं.
प्रशिक्षण 21 मॉडल में है विभाजित
उन्होंने बताया कि यह प्रशिक्षण 21 मॉडल में विभाजित किया गया है. सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को एप लॉग इन के लिए यूजर नेम और पासवर्ड प्राप्त हो चुका है. उन्होंने बताया कि ई-आई एलए एप में कुल 9 घंटे के रोचक ऑडियो और वीडियो के माध्यम से प्रशिक्षण की व्यवस्था है.
एप से दी जाएंगीं ये जानकारियां
ऑडियो और वीडियो के माध्यम से मासिक बैठक योजना एवं प्रबंधन, गृह भेंट योजना प्रबंधन, आंगनबाड़ी केंद्र पर आयोजित सामुदायिक कार्यक्रम की योजना एवं आयोजन, स्तनपान का महत्वव विधि, कमजोर नवजात की पहचान और देखभाल, ऊपरी आहार भोजन में विविधता, महिलाओं में एनीमिया की रोकथाम, शिशुओं में शारीरिक वृद्धि का आंकलन की जानकारियां दी जाएंगी.
मिलेंगे प्रमाण पत्र
समय के साथ ऊपरी आहार में सुधार, बीमार नवजात की पहचान और रेफरल सेवा, गंभीर दुबलेपन की पहचान, कमजोर नवजात शिशु के लिए कंगारू मदर केयर, कुपोषण और बीमारियों से मौत से बचाव, बच्चों का किशोरियों में खून की कमी, एनीमिया से बचाव, प्रसव पूर्व तैयारी, नवजात शिशु देखभाल और परिवार नियोजन सहित तमाम जानकारियां दी जाएंगी. डीपीओ ने बताया कि इन मॉडयूलों को पढ़कर उनका सही जवाब देकर प्रशिक्षण पूरा करने पर विभाग द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रमाण पत्र भी दिए गए.