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एटा: कोरोना की मार से टमाटर की खेती करने वाले किसान बदहाल

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Published : Jun 8, 2020, 12:53 PM IST

उत्तर प्रदेश के एटा में टमाटर की खेती कर रहे किसानों को लॉकडाउन के कारण भारी नुकसान हो रहा है. 400 से 500 रुपये प्रति कैरेट बिकने वाला टमाटर इस बार महज 50 रुपये में बिक रहा है, जिसके कारण उनकी लागत भी नहीं निकल पा रही है.

farmers facing problem
लॉकडाउन से टूटी टमाटर किसानों की कमर.

एटा: कोरोना वायरस न सिर्फ लोगों की सेहत खराब कर रहा है बल्कि आर्थिक स्थिति भी बद से बदतर कर रहा है. खेती-किसानी करने वाले लोगों को कोरोना वायरस के चलते दोहरी मार झेलनी पड़ रही है. टमाटर की खेती करने वाले किसानों की लागत भी नहीं निकल पा रही है. व्यापारी टमाटर दो रुपये किलो के हिसाब से खरीद रहे हैं. पिछले साल 400 से 500 रुपये प्रति कैरेट बिकने वाला टमाटर इस बार महज 50 रुपये में बिक रहा है. बताया जा रहा है कि एक कैरेट में करीब 25 किलो टमाटर आता है.

लॉकडाउन से टूटी टमाटर किसानों की कमर.

लॉकडाउन की मार से टमाटर किसान परेशान
कोरोना वायरस से लोगों की जान बचाने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन है, जिसके कारण किसानों की फसल व्यापारी दूसरे प्रदेशों में नहीं भेज पाए हैं. फसलों की मांग घटी तो कीमत भी जमीन पर आ गई. व्यापारी टमाटर को दो रुपये किलो में खरीद रहे हैं. ऐसे में किसानों की लागत भी नहीं निकल पा रही है. ऊपर से टमाटर को खेत से बाजार तक पहुंचाने तक का खर्च अलग किसानों के लिए दिक्कत खड़ी कर रहा है. बुरे दौर से गुजर रहे टमाटर की खेती करने वाले किसान अपनी फसल खेतों में ही छोड़ने को मजबूर हो गए हैं.

किसानों को घाटा
टमाटर की खेती करने वाले किसान जगवीर बताते हैं कि उन्होंने पांच बीघे में टमाटर की खेती की हुई है. 50 रुपये में एक कैरेट टमाटर व्यापारी खरीदते हैं, जिसमें 15 रुपये टमाटर तोड़ने वाले ले लेते हैं. पांच बीघे खेत में टमाटर की खेती के दौरान 50 हजार खर्च हो गए, लेकिन अभी तक 16 हजार रुपये की कमाई हुई है. ऐसे में आमदनी होना तो दूर 35 हजार का नुकसान लागत में ही उठाना पड़ा है.

किसान भरत के मुताबिक लॉकडाउन की वजह से टमाटर दूसरे प्रदेशों में नहीं जा पाया है. इस वजह से नुकसान हुआ है. 3 बीघे की फसल में 14 से 15 हजार रुपये की दवा लग गई. लागत न निकलने के कारण फसलों को खेत में ही छोड़ दिया है. किसान बबलू के मुताबिक फसल के दाम न मिलने के कारण कमाई जीरो हो गई. इस लॉकडाउन के कारण किसानों की आमदनी नहीं रही है.

एटा: कोरोना वायरस न सिर्फ लोगों की सेहत खराब कर रहा है बल्कि आर्थिक स्थिति भी बद से बदतर कर रहा है. खेती-किसानी करने वाले लोगों को कोरोना वायरस के चलते दोहरी मार झेलनी पड़ रही है. टमाटर की खेती करने वाले किसानों की लागत भी नहीं निकल पा रही है. व्यापारी टमाटर दो रुपये किलो के हिसाब से खरीद रहे हैं. पिछले साल 400 से 500 रुपये प्रति कैरेट बिकने वाला टमाटर इस बार महज 50 रुपये में बिक रहा है. बताया जा रहा है कि एक कैरेट में करीब 25 किलो टमाटर आता है.

लॉकडाउन से टूटी टमाटर किसानों की कमर.

लॉकडाउन की मार से टमाटर किसान परेशान
कोरोना वायरस से लोगों की जान बचाने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन है, जिसके कारण किसानों की फसल व्यापारी दूसरे प्रदेशों में नहीं भेज पाए हैं. फसलों की मांग घटी तो कीमत भी जमीन पर आ गई. व्यापारी टमाटर को दो रुपये किलो में खरीद रहे हैं. ऐसे में किसानों की लागत भी नहीं निकल पा रही है. ऊपर से टमाटर को खेत से बाजार तक पहुंचाने तक का खर्च अलग किसानों के लिए दिक्कत खड़ी कर रहा है. बुरे दौर से गुजर रहे टमाटर की खेती करने वाले किसान अपनी फसल खेतों में ही छोड़ने को मजबूर हो गए हैं.

किसानों को घाटा
टमाटर की खेती करने वाले किसान जगवीर बताते हैं कि उन्होंने पांच बीघे में टमाटर की खेती की हुई है. 50 रुपये में एक कैरेट टमाटर व्यापारी खरीदते हैं, जिसमें 15 रुपये टमाटर तोड़ने वाले ले लेते हैं. पांच बीघे खेत में टमाटर की खेती के दौरान 50 हजार खर्च हो गए, लेकिन अभी तक 16 हजार रुपये की कमाई हुई है. ऐसे में आमदनी होना तो दूर 35 हजार का नुकसान लागत में ही उठाना पड़ा है.

किसान भरत के मुताबिक लॉकडाउन की वजह से टमाटर दूसरे प्रदेशों में नहीं जा पाया है. इस वजह से नुकसान हुआ है. 3 बीघे की फसल में 14 से 15 हजार रुपये की दवा लग गई. लागत न निकलने के कारण फसलों को खेत में ही छोड़ दिया है. किसान बबलू के मुताबिक फसल के दाम न मिलने के कारण कमाई जीरो हो गई. इस लॉकडाउन के कारण किसानों की आमदनी नहीं रही है.

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