एटा: जिले में प्लास्टिक की बड़ी बोतलों में पानी की सप्लाई लोगों के घरों से लेकर सरकारी दफ्तरों में खूब होती है. ये प्लास्टिक की बोतलें सील पैक न होकर बल्कि प्लास्टिक के ढक्कन से बंद होती हैं. कोरोना वायरस के इस दौर में प्लास्टिक की बोतलों में आने वाला पानी खतरनाक साबित हो सकता है. इससे संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है. बताया जाता है कि प्लास्टिक की सतह पर कोरोना वायरस ज्यादा लंबे समय तक रहता है. ऐसे में सीएमओ डॉ. अजय अग्रवाल ने लोगों से सावधानी बरतने को कहा है.
जिले में कई जगहों पर खारे पानी की समस्या है. इसके अलावा स्वच्छ पानी पीने की चाह में भी लोग बोतल वाला पानी मंगाते हैं. यह बोतल का पानी जिले के विभिन्न इलाकों में लगे पानी के प्लांट से लोगों के घरों में भेजे जाते हैं. ऐसे में घरों में जाने वाला यह बोतल का पानी कोरोना वायरस को निमंत्रण दे सकता है.
सीएमओ डॉ. अजय अग्रवाल के मुताबिक पानी में अभी तक कोरोना वायरस के संक्रमण की कोई जानकारी नहीं उपलब्ध है, लेकिन जिन प्लास्टिक की बोतलों में पानी घरों में जाता है. उन बोतलों पर कोरोना वायरस का संक्रमण का खतरा हो सकता है. ऐसे में लोगों को पानी उस जगह से लेना चाहिए, जहां पर सुरक्षा मानकों का पूरी तरीके से पालन हो रहा है. साथ ही जो व्यक्ति पानी पहुंचा रहा है, वह भी सुरक्षा मानकों का पालन करता हो. यदि सुरक्षा मानकों का पालन नहीं हो रहा है तो बोतल वाले पानी से लोगों को बचना चाहिए.
सीएमओ डॉ. अजय अग्रवाल ने बताया है कि घर पर पानी की बोतल मंगाने के दौरान उसे अच्छे से साबुन से धोना चाहिए. इसके अलावा जो व्यक्ति बोतल ला रहा है, उसे भी हाथ साबुन से बार-बार धुलना चाहिए.
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