एटा: स्वच्छ भारत मिशन के तहत एटा जिले में शुरू किया गया सेनेटरी नैपकिन उत्पादन का पंचायत उद्योग कुछ महीने बाद ही बंद हो गया. इस सेनेटरी नैपकिन यूनिट पर ताला लटकने के पीछे पंचायत सचिव की लापरवाही मानी जा रही है, जो कि अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं. उनके खिलाफ जांच चल रही है. डीपीआरओ एक बार फिर इस बंद पड़ी यूनिट को शुरू कराने की बात कह रहे हैं.
- साल 2017 में जिला मुख्यालय स्थित सीतलपुर विकासखंड में पंचायत उद्योग की शुरुआत की गई थी.
- पंचायत उद्योग के तहत सेनेटरी नैपकिन यूनिट लगाई गई थी.
- इस यूनिट को शुरू करने के पीछे सरकार की मंशा थी कि महिलाओं को स्वावलंबी बनाया जाए.
- इस उद्योग के लिए मशीनें लगाई गई थी और कई महिलाओं को नैपकिन उत्पादन के काम में लगाया गया था.
- दुर्भाग्य से इस उद्योग को शुरू होने के कुछ दिन बाद ही बंद कर दिया गया.
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लाखों की लागत से बनाया गया भवन
सेनेटरी नैपकिन यूनिट लगाने के लिए सीतलपुर विकासखंड कार्यालय के बगल में 8 लाख 81 हजार रुपये में नया भवन बनाया गया, लेकिन इस भवन में ताला लटका हुआ है. इस भवन का लोकार्पण जिले के प्रभारी मंत्री अतुल गर्ग ने 24 अगस्त 2017 को किया था. बताया जा रहा है कि करीब 60 हजार की सेनेटरी नैपकिन बनाई गई, जिसमें से आज भी काफी मात्रा में सेनेटरी नैपकिन बेकार पड़ी हुई है.