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एटाः जिला अस्पताल में सात साल बाद शुरू हुआ ऑपरेशन - जिला अस्पताल में सामान्य सर्जरी की सुविधा बंद

उत्तर प्रदेश के एटा अस्पताल में बनने के सात साल के बाद सामान्य सर्जरी की सुविधा शुरू कर दी गई. बता दें कि बीते सात साल से जिला अस्पताल में सामान्य सर्जरी की सुविधा बंद थी और किसी भी प्रकार की सर्जरी नहीं की जाती थी.

एटा जिला अस्पताल.
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Published : Oct 17, 2019, 8:03 PM IST

एटाः जिला अस्पताल कहने के लिए तो अस्पताल था, लेकिन बीते 7 साल तक यहां पर एक भी सर्जरी नहीं की गई थी. गुरुवार को जिला अस्पताल में सामान्य सर्जरी की सुविधा शुरू कर दी गई है. अब अस्पताल में विभिन्न बीमारी से ग्रसित मरीजों को सर्जरी के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा. इतना ही नहीं हड्डी रोग विभाग में भी मरीजों की सर्जरी की जाएगी.

सात साल के बाद सामान्य सर्जरी की सुविधा शुरू.

सामान्य सर्जरी की सुविधा शुरू
अब तक यहां से मरीजों को सर्जरी के लिए रेफर कर दिया जाता था. जो मरीज दवाओं से ठीक हो सकते हैं केवल उन्हीं को भर्ती किया जाता था. ऐसा नहीं था कि अस्पताल में चिकित्सक नहीं थे या फिर सर्जरी के लिए संसाधन नहीं थे, लेकिन फिर भी साल 2012 के बाद एक भी सर्जरी जिला अस्पताल में किसी सर्जन ने नहीं की.

सबसे बुरा हाल था आर्थोपेडिक विभाग का
अस्पताल में सबसे बुरा हाल आर्थोपेडिक विभाग का था, क्योंकि सालों से यहां मरीजों का ऑपरेशन नहीं हुआ था. हड्डी रोग विभाग में ऑपरेशन तो दूर वहां कई-कई महीनों में एक-दो मरीजों को प्लास्टर बांधने के मामले सामने आते थे, जबकि अस्पताल में आर्थोपेडिक सर्जन तैनात है.

बताया जा रहा है कि पहले से तैनात आर्थोपेडिक सर्जन अन्य कार्यों में व्यस्त रहते थे. इस वजह से यहां पर सर्जरी नहीं होती थी. हाथ और पैर की हड्डी टूट जाने की दशा में मरीजों को आगरा या अलीगढ़ के मेडिकल कालेज रेफर कर दिया जाता था, लेकिन मौजूदा समय में एक नए चिकित्सक की तैनाती होने पर अब आर्थोपेडिक विभाग में भी सर्जरी शुरू की जाएगी. वहीं अभी हाल में एक महिला की सर्जरी की गई. इसके अलावा अस्पताल में हर्निया और हाइड्रोसील जैसी बीमारियों की भी सर्जरी की जाएगी.

इसे भी पढ़ें- मरिजों का हाल जानने जिलाधिकारी पहुंचे बदायूं जिला अस्पताल

साल 2012 के बाद अब 2019 में जिला अस्पताल के अंदर मरीजों को सर्जरी की सुविधा मिलनी शुरू हो गई है, जिसके बाद अब बहुत से मरीजों को विभिन्न बीमारियों की सर्जरी के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा.
-राजेश अग्रवाल, सीएमएस

एटाः जिला अस्पताल कहने के लिए तो अस्पताल था, लेकिन बीते 7 साल तक यहां पर एक भी सर्जरी नहीं की गई थी. गुरुवार को जिला अस्पताल में सामान्य सर्जरी की सुविधा शुरू कर दी गई है. अब अस्पताल में विभिन्न बीमारी से ग्रसित मरीजों को सर्जरी के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा. इतना ही नहीं हड्डी रोग विभाग में भी मरीजों की सर्जरी की जाएगी.

सात साल के बाद सामान्य सर्जरी की सुविधा शुरू.

सामान्य सर्जरी की सुविधा शुरू
अब तक यहां से मरीजों को सर्जरी के लिए रेफर कर दिया जाता था. जो मरीज दवाओं से ठीक हो सकते हैं केवल उन्हीं को भर्ती किया जाता था. ऐसा नहीं था कि अस्पताल में चिकित्सक नहीं थे या फिर सर्जरी के लिए संसाधन नहीं थे, लेकिन फिर भी साल 2012 के बाद एक भी सर्जरी जिला अस्पताल में किसी सर्जन ने नहीं की.

सबसे बुरा हाल था आर्थोपेडिक विभाग का
अस्पताल में सबसे बुरा हाल आर्थोपेडिक विभाग का था, क्योंकि सालों से यहां मरीजों का ऑपरेशन नहीं हुआ था. हड्डी रोग विभाग में ऑपरेशन तो दूर वहां कई-कई महीनों में एक-दो मरीजों को प्लास्टर बांधने के मामले सामने आते थे, जबकि अस्पताल में आर्थोपेडिक सर्जन तैनात है.

बताया जा रहा है कि पहले से तैनात आर्थोपेडिक सर्जन अन्य कार्यों में व्यस्त रहते थे. इस वजह से यहां पर सर्जरी नहीं होती थी. हाथ और पैर की हड्डी टूट जाने की दशा में मरीजों को आगरा या अलीगढ़ के मेडिकल कालेज रेफर कर दिया जाता था, लेकिन मौजूदा समय में एक नए चिकित्सक की तैनाती होने पर अब आर्थोपेडिक विभाग में भी सर्जरी शुरू की जाएगी. वहीं अभी हाल में एक महिला की सर्जरी की गई. इसके अलावा अस्पताल में हर्निया और हाइड्रोसील जैसी बीमारियों की भी सर्जरी की जाएगी.

इसे भी पढ़ें- मरिजों का हाल जानने जिलाधिकारी पहुंचे बदायूं जिला अस्पताल

साल 2012 के बाद अब 2019 में जिला अस्पताल के अंदर मरीजों को सर्जरी की सुविधा मिलनी शुरू हो गई है, जिसके बाद अब बहुत से मरीजों को विभिन्न बीमारियों की सर्जरी के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा.
-राजेश अग्रवाल, सीएमएस

Intro:एटा जिला अस्पताल में सामान्य सर्जरी की सुविधा शुरू हो गई है। अब अस्पताल में विभिन्न बीमारी से ग्रसित मरीजों को सर्जरी के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। इतना ही नहीं हड्डी रोग विभाग में भी मरीजों की सर्जरी की जाएगी। बता दे बीते सात साल से जिला अस्पताल में सामान्य सर्जरी की सुविधा बंद थी। यहां पर किसी भी प्रकार की सर्जरी नहीं की जाती थी।


Body:एटा जिला अस्पताल कहने के लिए तो अस्पताल था। लेकिन बीते 7 साल तक जहां पर एक भी सर्जरी नहीं की गई। जिन मरीजों को सर्जरी की जरूरत होती थी । उन्हें रेफर कर दिया जाता था। केवल उन्हीं मरीजों को भर्ती किया जाता था। जिन्हें दवाओं से ठीक किया जा सकता था। ऐसा नहीं था कि अस्पताल में चिकित्सक नहीं थे या फिर सर्जरी के लिए संसाधन नहीं थे। लेकिन फिर भी साल 2012 के बाद एक भी सर्जरी जिला अस्पताल में किसी सर्जन द्वारा नहीं की गई। सबसे बुरा हाल आर्थोपेडिक विभाग का था। यहां सालों से मरीजों का ऑपरेशन नहीं हो रहा था। हड्डी रोग विभाग में ऑपरेशन होना तो दूर कई कई महीनों में इक्का-दुक्का मरीजों को प्लास्टर बांधने के मामले सामने आते थे । जबकि अस्पताल में आर्थोपेडिक सर्जन तैनात है। बताया जा रहा है कि पहले से तैनात आर्थोपेडिक सर्जन अन्य कामों में व्यस्त रहते थे। इस वजह से यहां पर सर्जरी नहीं होती थी। हाथ व पैर की हड्डी टूट जाने की दशा में मरीजों को आगरा य या अलीगढ़ के मेडिकल कालेज रेफर कर दिया जाता था। लेकिन मौजूदा समय में एक नए चिकित्सक की तैनाती होने पर अब आर्थोपेडिक विभाग में भी सर्जरी शुरू हो जाएगी। वही अभी हाल में एक महिला की सर्जरी की गई है। महिला के गर्भाशय में दिक्कत बताई जा रही थी। इसके अलावा हर्निया व हाइड्रोसील जैसी बीमारियों की भी सर्जरी अस्पताल में की जाएगी।


प्रसव के लिए जिला अस्पताल की ओटी का होता था इस्तेमाल-

एटा जिला अस्पताल की ओटी का प्रसव के दौरान सर्जरी के लिए अभी तक इस्तेमाल किया जाता था। लेकिन सामान्य मरीजों की सर्जरी यहां पर 7 सालों से बंद थी।


Conclusion:साल 2012 के बाद अब 2019 में जिला अस्पताल के अंदर मरीजों को सर्जरी की सुविधा मिलने शुरू हो गई है। जिसके बाद अब बहुत से मरीजों को विभिन्न बीमारियों की सर्जरी के बाहर नहीं जाना पड़ेगा।
बाइट: राजेश अग्रवाल (सीएमएस, एटा जिला अस्पताल)
पीटूसी:वीरेंद्र
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