गोरखपुर: मंडल की महिलाएं भी दुग्ध उत्पादन कर अब आत्मनिर्भर बन रही हैं. योगी सरकार की छोटी सी पहल पर बुंदेलखंड के बलिनी मिल्क प्रोड्यूस की तर्ज पर करीब 14 हजार दुग्ध उत्पादक महिला किसान प्रतिमाह करीब 50 हजार लीटर दूध का कारोबार कर रही हैं. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की एक खास पहल पर महिलाओं के लिए ही बनी श्री बाबा गोरखनाथ कृपा मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी से यह कारोबार आगे बढ़ रहा है. जो दूध उत्पादन, संकलन के क्षेत्र में नजीर बनी बुंदेलखंड की बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी की तर्ज पर किया गया है। दो साल पहले गठित और सालभर से क्रियाशील श्री बाबा गोरखनाथ कृपा मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी में मंडल के 400 गांवों की 14000 से अधिक पशुपालक महिलाएं सदस्य (शेयरहोल्डर) बन चुकी हैं. अगले दो साल में महिलाओं की यह मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी प्रतिदिन 3 लाख लीटर दूध का संग्रह करने में सक्षम हो जाएगी.
5 महिलाओं ने शुरू की थी बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनीः 2019 में सिर्फ पांच महिलाओं द्वारा शुरू की गई बुंदेलखंड की बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी में वर्तमान में 71000 महिलाएं शेयरहोल्डर हैं. बलिनी के जरिये प्रतिदिन 250000 लीटर दूध का संग्रहण होता है. इस कंपनी ने 1225 करोड़ रुपये का टर्नओवर करके 24 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया है. बलिनी में महिलाओं की सफल भागीदारी देखकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के महिला समर्थ योजना के अंतर्गत प्रदेश में पांच मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी बनाने के निर्देश दिए थे.
गोरखपुर मंडल में 50 हजार लीटर दूध महिलाएं कर रहीं संग्रहः इनमें से एक कंपनी श्री बाबा गोरखनाथ कृपा मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी का गठन 2022 में गोरखपुर में किया गया. इस कंपनी का कार्यक्षेत्र मंडल के चार जिलों गोरखपुर, महराजगंज, देवरिया और कुशीनगर है. कंपनी ने विगत एक साल से कार्य करना शुरू किया है. इस कम अवधि में ही चारों जिलों में 400 गांवों की 14000 से अधिक महिलाएं शेयरहोल्डर बनकर प्रतिदिन 50 हजार लीटर दूध का संग्रह कर रही हैं. इस कंपनी ने गोरखपुर के कैम्पियरगंज, खजनी, बड़हलगंज, देवरिया के रुद्रपुर, पथरदेवा, भाटपार और कुशीनगर के कसया में दूध अवशीतन केंद्रों (मिल्क चिलिंग सेंटर्स) भी खोल दिया है. जहां गांवों में सदस्य महिलाओं द्वारा संग्रहित दूध को प्रोसेस किया जा रहा है.
पांच सौ गांवों को जोड़ने का लक्ष्यः श्री बाबा गोरखनाथ कृपा मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) धनराज साहनी बताते हैं कि अभी कंपनी की शेयरहोल्डर महिलाओं द्वारा संग्रहित दूध की आपूर्ति मदर डेयरी की इटावा और मोतिहारी प्लांट को किया जा रहा है. स्थानीय स्तर पर दूध की आपूर्ति के लिए गोरखपुर के गीडा में स्थापित पेप्सिको की फ्रेंचाइजी वरुण बेवरेजेज और ज्ञान डेयरी से भी बातचीत चल रही है. दूध संग्रह बढ़ने के साथ यह बातचीत भी फलदायी हो जाने की उम्मीद है. सीईओ ने बताया कि मुख्यमंत्री ने अधिक से अधिक पशुपालक महिलाओं को शेयरहोल्डर बनाने और दूध संग्रह बढ़ाने के निर्देश दिए हैं. इसके लिए राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अधिकारियों की मदद ली जा रही है. मार्च 2025 तक शेयरहोल्डर की संख्या मंडल के पांच सौ गांवों में कम से कम 20000 तथा प्रतिदिन दूध संग्रह 70000 लीटर हो जाएगी. कंपनी ऐसी कार्ययोजना पर काम कर रही है जिससे अगले दो साल में दूध संग्रह प्रतिदिन 300000 लीटर हो जाए. कंपनी को अपना काम आगे बढ़ाने में नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड का भी सहयोग मिल रहा है.
दो महिलाओं ने 12 लाख से अधिक कमायाः श्री बाबा गोरखनाथ कृपा मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी की शेयरहोल्डर बनकर पशुपालक ग्रामीण महिलाएं आत्मनिर्भरता की राह पर आगे बढ़ चुकी हैं. दूध उत्पादन और संग्रह के कार्य से जुड़कर वे आय अर्जित कर पारिवारिक आमदनी में इजाफा करने में सक्षम हो रही हैं. कंपनी के सीईओ धनराज साहनी बताते हैं कि सालभर में ही कंपनी की 431 शेयरहोल्डर महिलाएं लखपति दीदी बन चुकी हैं. इन सभी ने एक लाख से अधिक का आय अर्जित किया है. दो महिलाएं तो ऐसी भी हैं जिन्होंने सालभर में 12 लाख की आय अर्जित की है.
ऐसे सदस्य बन सकती हैं महिलाएंः जिस गांव में श्री बाबा गोरखनाथ कृपा मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी का दूध संकलन केंद्र हो या शुरू किया जा रहा है, वहां की पशुपालक महिलाएं इस कंपनी की सदस्य (शेयरहोल्डर) बन सकती हैं. एक परिवार से एक ही महिला शेयरहोल्डर होगी. महिला को आवेदन के साथ 50 रुपये प्रवेश शुल्क जमा करना होगा. 100 रुपये प्रति शेयर की दर से कम से कम 5 शेयर लेने होंगे. इसमें से एक शेयर की कीमत आवेदन के साथ जमा करना होगा, बाकी के चार शेयर की कीमत का भुगतान उनके द्वारा दिए गए दूध के बिल की अदायगी से किया जाता है. यदि कोई महिला सदस्यता त्यागती है तो उसके द्वारा कंपनी में लगाई गई शेयर पूंजी उसके बैंक खाते में वापस दे दी जाएगी. हर सदस्य को एक वर्ष में कम से कम 200 दिन और कम से कम 500 लीटर दूध की आपूर्ति करनी होगी.
सीधे बैंक खाते में मिलता है भुगतानः श्री बाबा गोरखनाथ कृपा मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी की शेयरहोल्डर महिलाओं को भुगतान सीधे उनके बैंक खातों में मिलता है. मिल्क चिलिंग सेंटर में दूध जमा करने पर उन्हें एक पर्ची मिलती है. हर दस दिन के बाद पर्ची पर दर्ज दूध और कीमत के विवरण के अनुसार भुगतान किया जाता है. दूध की कीमत बाजार में प्रचलित मूल्य के बराबर होता है. भुगतान के लिए हर माह की 3, 13 और 23 तारीख निर्धारित है. सदस्य महिलाओं को कंपनी के लाभ का अंश भी प्राप्त होगा.
शेयरहोल्डर को मिलेंगी ये भी सुविधाएंः मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी की महिला शेयरहोल्डर को कंपनी की तरफ से पशु आहार और खनिज मिश्रण, पशुओं के थनैला रोग जांच, पशुओं के कृत्रिम गर्भाधान पंजीकरण की भी सुविधाएं मिलेंगी. इसके अलावा उन्हें पशुओं का स्वास्थ्य बेहतर करने और अधिक दूध उत्पादन से जुड़ी जानकारियां भी उपलब्ध कराई जाएंगी.
इसे भी पढ़ें-दूध उत्पादन में यूपी बादशाहत बरकरार, देश के कुल उत्पादन में 16 फीसदी उत्तर प्रदेश का योगदान