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एटा: वादे रह गए वादे, विकास से आज भी अछूता है शहीद इंस्पेक्टर सुबोध कुमार का गांव

उत्तर प्रदेश के एटा में शहीद इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह का पैतृक गांव तरीगवां आज भी विकास के लिए तरस रहा है. बता दें, बुलंदशहर हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की जान चली गई थी, जिसके बाद सीएम योगी ने शहीद इंस्पेक्टर के परिजनों से मिलकर गांव में विकास की बात कही थी.

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विकास से आज भी अछूता है शहीद इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह का गांव.
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Published : Dec 4, 2019, 7:09 PM IST

एटा: बुलंदशहर हिंसा में शहीद हुए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह का एटा जिले में स्थित पैतृक गांव तरीगवां आज भी विकास से अछूता है. करीब 1 साल पहले शहीद सुबोध कुमार सिंह की शहादत पर प्रदेश सरकार ने गांव में स्कूल के निर्माण समेत कई वादे किए थे. शहीद के परिजनों ने 16 बीघे जमीन भी स्कूल निर्माण के लिए दे दी थी, लेकिन गांव का विकास तो दूर, स्कूल के निर्माण का कार्य भी शुरू नहीं हो पाया है.

विकास से आज भी अछूता है शहीद इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह का गांव.

शहीद इंस्पेक्टर के परिजन से मिले थे सीएम योगी

  • साल 2018 में 3 दिसंबर के दिन हुई बुलंदशहर में हिंसा के दौरान अपना फर्ज निभाते हुए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह शहीद हो गए थे.
  • शहीद सुबोध कुमार सिंह के परिवार ने सीएम योगी से मिलने की मांग की थी.
  • सीएम योगी ने शहीद सुबोध के परिवार को मिलने के लिए लखनऊ बुलाया था.
  • लखनऊ में शहीद इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह का परिवार प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ से मिला था.
  • मुलाकात के दौरान सीएम योगी ने पीड़ित परिवार की हर संभव मदद करने की बात कही थी.

बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद प्रदेश सरकार ने तरीगवां गांव में एक स्कूल के निर्माण समेत अन्य विकास की बात कही थी. एक साल बाद भी गांव में विकास का पहिया नहीं घूमा है. ग्रामीणों का आरोप है कि जनप्रतिनिधि से लेकर अधिकारी तक सिर्फ आश्वासन देते हैं, लेकिन काम नहीं होता है. गांव की सड़कें और गलियां खस्ताहाल हैं. गांव में स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय के निर्माण में महज खानापूर्ति की गई है.

एटा: बुलंदशहर हिंसा में शहीद हुए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह का एटा जिले में स्थित पैतृक गांव तरीगवां आज भी विकास से अछूता है. करीब 1 साल पहले शहीद सुबोध कुमार सिंह की शहादत पर प्रदेश सरकार ने गांव में स्कूल के निर्माण समेत कई वादे किए थे. शहीद के परिजनों ने 16 बीघे जमीन भी स्कूल निर्माण के लिए दे दी थी, लेकिन गांव का विकास तो दूर, स्कूल के निर्माण का कार्य भी शुरू नहीं हो पाया है.

विकास से आज भी अछूता है शहीद इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह का गांव.

शहीद इंस्पेक्टर के परिजन से मिले थे सीएम योगी

  • साल 2018 में 3 दिसंबर के दिन हुई बुलंदशहर में हिंसा के दौरान अपना फर्ज निभाते हुए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह शहीद हो गए थे.
  • शहीद सुबोध कुमार सिंह के परिवार ने सीएम योगी से मिलने की मांग की थी.
  • सीएम योगी ने शहीद सुबोध के परिवार को मिलने के लिए लखनऊ बुलाया था.
  • लखनऊ में शहीद इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह का परिवार प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ से मिला था.
  • मुलाकात के दौरान सीएम योगी ने पीड़ित परिवार की हर संभव मदद करने की बात कही थी.

बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद प्रदेश सरकार ने तरीगवां गांव में एक स्कूल के निर्माण समेत अन्य विकास की बात कही थी. एक साल बाद भी गांव में विकास का पहिया नहीं घूमा है. ग्रामीणों का आरोप है कि जनप्रतिनिधि से लेकर अधिकारी तक सिर्फ आश्वासन देते हैं, लेकिन काम नहीं होता है. गांव की सड़कें और गलियां खस्ताहाल हैं. गांव में स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय के निर्माण में महज खानापूर्ति की गई है.

Intro:बुलंदशहर हिंसा में शहीद हुए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह का एटा जिले में स्थित पैतृक गांव तरीगवाँ आज भी विकास से अछूता है। इस गांव की सड़कें व गलियां यहां की दुर्दशा की कहानी बयां कर रही हैं। आज से करीब 1 साल पहले शहीद सुबोध कुमार सिंह की शहादत पर प्रदेश सरकार ने गांव में स्कूल के निर्माण समेत कई वादे किए थे। शहीद के परिजनों ने 16 बीघे जमीन भी स्कूल निर्माण के लिए दे दी थी। लेकिन गांव का विकास तो दूर स्कूल के निर्माण का कार्य भी शुरू नहीं हो पाया है।


Body:साल 2018 में 3 दिसंबर के दिन हुई बुलंदशहर में हिंसा के दौरान अपना फर्ज निभाते हुए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह शहीद हो गए थे। शहीद सुबोध कुमार सिंह के परिवार ने सीएम योगी से मिलने की मांग की थी। उसके बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने उन्हें लखनऊ बुलाया था। लखनऊ पहुंच कर शहीद इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह का परिवार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिला। जहां पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीड़ित परिवार की हर संभव मदद करने की बात कही थी। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद प्रदेश सरकार ने तरीगवाँ गांव में एक स्कूल के निर्माण समेत अन्य विकास की बात कही थी। लेकिन 1 साल बाद भी यहां पर विकास का पहिया नहीं घूमा है। ग्रामीणों का आरोप है कि जनप्रतिनिधि से लेकर अधिकारी तक सिर्फ आश्वासन देते हैं ।काम नहीं होता है। गांव की सड़कें और गलियां खस्ताहाल है। गांव में स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय के निर्माण में महज खानापूर्ति ही की गई है।
बाइट: उमेन्द्र सिंह राठौड़ ( ग्रामीण)
बाइट: अनुपम सिंह राठौर ( ग्रामीण)
बाइट: रामरक्ष पाल सिंह ( शहीद इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के चाचा)


Conclusion:प्रदेश सरकार के आश्वासन के बाद भी गांव के लोग विकास ना होने से नउम्मीद है।
पीटूसी:वीरेंद्र पाण्डेय

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