एटा: यूपी के जनपद एटा के अवागढ़ थाना क्षेत्र में मासूम बच्ची हत्याकांड के मामले में पुलिस ने कस्बे के ही दो युवकों को गिरफ्तार किया है. पुलिस के मुताबिक इन दोनों ने कारोबारी के बेटे का अपहरण कर वसूली की योजना बनाई थी. इसके लिए आरोपियों ने पांच दिन तक घर की रेकी भी की थी. लेकिन आरोपी बेटे की बजाय बेटी को उठा लाए. लेकिन जब उन्हें इस बात की खबर हुई तो इन लोगों ने उसके साथ दुष्कर्म की भी कोशिश की थी. वहीं, इस बीच मुंह दबाने से बच्ची का दम घुट गया, जिससे उसकी मौत हो गई. इस मामले का खुलासा करते हुए एटा के अपर पुलिस अधीक्षक धनंजय सिंह कुशवाहा ने बताया कि बीते 4 फरवरी की देर शाम अवागढ़ कस्बे से एक गारमेंट कारोबारी की पांच वर्षीय बेटी का अपहरण कर उसकी हत्या कर दी गई थी.
मामले के खुलासे में 6 टीमें लगाई गई थीं. कारोबारी के घर के सामने की गली में लगे सीसीटीबी कैमरे की फुटेज में दो संदिग्ध युवक दिखे थे, जो पांच दिन से कारोबारी के घर की रेकी कर रहे थे. पुलिस ने अवागढ़ तिराहा के पास से कस्बा के ही मोहल्ला तवायफान निवासी आरोपी प्रिंस ओझा और कछपुरा निवासी रोहित नायक को गिरफ्तार किया है. पुलिस की पूछताछ में अपहरणकर्ताओं ने बताया कि कारोबारी के किसी भी भाई के एक बच्चे का अपहरण करना चाह रहे थे.
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बीते चार फरवरी को देर शाम दोनों बाइक से आए और 7:15 बजे बच्ची घर से बाहर आई तो उसे उठाकर बाइक से खंडहर की तरफ ले गए. वहां से उसे धान मील ग्राउंड ले गए. खैर, जब वो वहां पहुंचे तो देखा कि वो लड़का नहीं, बल्कि लड़की है. ऐसे में शराब के नशे में आरोपी रोहित ने उसके साथ दुष्कर्म करने की कोशिश की. बच्ची के चिल्लाने पर उसका मुंह दबा दिया, जिससे उसकी मौत हो गई. बाद में बच्ची के शव को रामप्यारी हॉस्पीटल के पीछे एक प्लॉट में फेंक कर, कपड़े बदलकर दोनों बाजार की ओर आ गए.
एएसपी ने बताया कि दोनों आरोपी मास्क और मफलर पहने हुए थे. जिससे उनकी पहचान न हो सके. सीसीटीवी फुटेज के आधार पर ही पुलिस आरोपियों तक पहुंची. दोनों आरोपी मित्र हैं और दोनों के बीच व्हाट्सएप चैट भी हुई. जिसमें तमंचा-कारतूस आदि के बारे में भी पता चला है. इससे दोनों युवकों पर शक गहरा गया. एएसपी ने बताया कि आरोपी रोहित डेढ़ साल पहले कर्नाटक चला गया था, वहां से 24 जनवरी को वापस आया था. दोनों के परिवार आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं.
कारोबारी के परिवार में पहले भी हो चुके हैं अपहरण
एएसपी ने बताया कि कारोबारी के यहां पहले भी दो अपहरण हो चुके हैं. इसके चलते आरोपियों ने इस परिवार को निशाना बनाया. मामले के खुलासे को लेकर सीओ सकीट विक्रांत द्विवेदी, सीओ जलेसर इरफान नासिर खान के अलावा सर्विलांस, एसओजी सहित अन्य चार टीमें लगातार काम कर रही थी.
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