एटाः जिले में एक झोलाछाप डॉक्टर के इंजेक्शन लगाने के बाद एक व्यक्ति की मौत हो गई. परिजनों ने डॉक्टर को फोन किया तो उसने कहा कि दवा देने के बाद मेरी कोई जिम्मेदारी नहीं है. इसके बाद से झोलाछाप डॉक्टर फरार है. परिजनों ने पुलिस में उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है.
खिरियापमारान की घटना
एटा में नयागांव थाना क्षेत्र के खिरियापमारान गांव में यह घटना घटी. खिरियापमारान गांव में प्रेमपाल नाम का झोलाछाप डॉक्टर प्रैक्टिस करता है और बड़ी से बड़ी बीमारी को भी ठीक करने की बात करता है. 22 नवंबर की रात अमोगपुर गांव का निवासी दिनेश ( 38 वर्ष) पुत्र बनवारी लाल को जुकाम हो गया था. वह दवा लेने के लिए झोलाछाप डॉक्टर के पास पहुंचा, जहां प्रेमपाल ने देखने के बाद दवा दी और एक इंजेक्शन भी लगा दिया. दिनेश घर आते-आते रास्ते में गिर गया. वहां से परिजन घर लाए औऱ अस्पताल ले जाने लगे पर रास्ते में ही उसकी मौत हो गई.
भाई ने बयां किया दर्द
मृतक के भाई राकेश ने बताया कि मेरा भाई जुकाम की दवा लेने गया तो झोलाछाप डॉक्टर ने इंजेक्शन लगा दिया. इंजेक्शन लगने के बाद मेरा भाई घर आने लगा तो रास्ते में गिर गया. मेरा भतीजा ( भाई का बेटा) उसे उठाकर घर लेकर आया. अस्पताल ले जाने लगे तो भाई की मौत हो गई. जब प्रेमपाल को इस बारे में फोन पर जानकारी दी तो डॉक्टर अपना क्लीनिक बंद कर फरार हो गया और कहने लगा कि इंजेक्शन लगाने के बाद मेरी कोई जिम्मेदारी नहीं है.
मुकदमा दर्ज
इस मामले में पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है. ट्वीटर पर जानकारी देते हुए एटा पुलिस ने बताया कि मामला संज्ञान में आते ही मुकदमा दर्ज कर लिया है. शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. डॉक्टर की गिरफ्तारी के लिए दबिशें दी जा रही हैं.
पहले भी गई जान
स्थानीय लोगों का दावा है कि दो दिन पहले भी एक महिला झोलाछाप डॉक्टर के इंजेक्शन लगाने के कारण एक नवजात की जान चुकी है.