एटा: जिले में बिजली विभाग के कर्मचारियों द्वारा झूठे केस में फंसाने को लेकर एक बड़ा मामला सामने आया है. बिजली विभाग की कार्रवाई से आहत एक किशोरी ने आत्महत्या कर ली. पुलिस ने आरोपी बिजली कर्मचारियों के खिलाफ सुसंगत धाराओं में मामला दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी है.
क्या है पूरा मामला
पूरा मामला जिले के कोतवाली नगर थाना क्षेत्र के मोहल्ला रेवाड़ी का है. बुधवार देर शाम रजनी उम्र (17) पुत्री छोटेलाल का शव कमरे में लटका मिला. आत्महत्या का कारण तब स्पष्ट हुआ, जब सुसाइड नोट मिला. इसमें बिजली विभाग द्वारा चोरी के झूठे केस में पिता को फंसाने का आरोप लगाते हुए आत्महत्या का कारण बताया गया.
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सुसाइड नोट बरामद
किशोरी ने सुसाइड नोट में लिखा था कि मेरी मौत का जिम्मेदार बिजली विभाग है. मेरे पापा-मम्मी चोरी की लाइट नहीं जलाते हैं. फिर भी बिजली विभाग और विजिलेंस ने बिजली चोरी की झूठी एफआईआर दर्ज कर दी है. बिजली वालों के पास गए तो कोई तीस हजार रुपये तो कोई 25 हजार रुपये मांगता है. रजनी ने सुसाइड नोट में लिखा था कि पिता पर बिजली चोरी का मुकदमा झूठा है. बिजली वाले उनसे रुपये मांग रहे हैं. विजिलेंस और बिजली विभाग के कर्मियों ने मां को धमकाया था. पिता को जेल भेजने की धमकी दी थी. पापा बहुत परेशान हैं. मम्मी-पापा सॉरी. राजकुमार भइया, तन्नू कोई रोना न....ठीक है. पापा से कुछ मत कहना. रजनी ने सुसाइड नोट में नीचे लिखा कि अरुण सुनार भइया और उनके चाचा ने कुछ नहीं किया, बाकी जो मेरे घर रात में आये थे, उन लोगों को मैं नहीं छोडूंगी.