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एटाः किसान मेले में जैविक खेती करने वाले किसानों ने बताए फायदे

एटा में गुरुवार को जनपद स्तरीय किसान मेले का आयोजन किया गया. इस मेले में जैविक खेती से पैदा हुई सब्जियां आकर्षण का केंद्र रहीं.

जैविक खेती से पैदा हुई सब्जियां
जैविक खेती से पैदा हुई सब्जियां
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Published : Dec 27, 2019, 10:50 AM IST

एटाः जनपद के जिला पंचायत परिसर में गुरुवार को किसान मेले का आयोजन किया गया. इस मेले में जैविक जैविक खेती कर रहे किसानों ने अपनी सब्जियों का प्रदर्शन और साथ ही उसके फायदे भी बताएं. एक दिवसीय किसान मेले में कई तरह के स्टाल लगाए गए थे. इन स्टालों में जैविक खाद, जैविक कीटनाशक तथा जैविक खेती से उत्पन्न फसलें रखी गई थी. मेले में कई किसान भी मौजूद थे, जिन्होंने जैविक खेती कर अच्छा मुनाफा कमाया था.

जानकारी देते संवाददाता.

जैविक खेती के फायदे
जैथरा क्षेत्र के जैविक खेती करने वाले किसान सोनू चौहान ने जैविक खेती के फायदे बताते हुए कहा इस खेती में खर्चा बहुत कम आता है और फसलों का उत्पादन बहुत ज्यादा है. जैविक खेती में उत्पादन बढ़ाने के लिए रासायनिक खाद का उपयोग नहीं होता बल्कि गोबर तथा केंचुए से पैदा की गई प्राकृतिक खाद होती है. जो सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद होती है. ब्रोकली तथा चेरी टमाटर के पैदावार पर विशेष ध्यान देते हैं. उन्होंने आगे बताया कि ब्रोकली जो दिखने में गोभी की तरह होती है. वह कैंसर जैसी बीमारियों की रोकथाम में फायदेमंद बताई जाती है.

पढ़े- ओलावृष्टि ने फसलों को किया खराब, किसान कर रहे मुआवजे की मांग

जैविक खेती से होने वाली फसलें सेहत के लिए फायदेमंद
जैविक खेती करने वाले किसान गुरबीर सिंह की मानें तो जैविक खेती से पैदा होने वाली फसलें सेहत के लिए फायदेमंद है. क्योंकि जैविक खेती में फसलों के बचाव के लिए जिन कीटनाशकों का उपयोग होता है. वह रासायनिक नहीं होती है, जबकि मौजूदा दौर में जो अनाज लोग खा रहे हैं. उनमें रासायनिक कीटनाशकों, यूरिया खाद का उपयोग अधिक होता है. जो जहर के समान है और इसी जहर को खाकर लोग बीमार पड़ते हैं.

एटाः जनपद के जिला पंचायत परिसर में गुरुवार को किसान मेले का आयोजन किया गया. इस मेले में जैविक जैविक खेती कर रहे किसानों ने अपनी सब्जियों का प्रदर्शन और साथ ही उसके फायदे भी बताएं. एक दिवसीय किसान मेले में कई तरह के स्टाल लगाए गए थे. इन स्टालों में जैविक खाद, जैविक कीटनाशक तथा जैविक खेती से उत्पन्न फसलें रखी गई थी. मेले में कई किसान भी मौजूद थे, जिन्होंने जैविक खेती कर अच्छा मुनाफा कमाया था.

जानकारी देते संवाददाता.

जैविक खेती के फायदे
जैथरा क्षेत्र के जैविक खेती करने वाले किसान सोनू चौहान ने जैविक खेती के फायदे बताते हुए कहा इस खेती में खर्चा बहुत कम आता है और फसलों का उत्पादन बहुत ज्यादा है. जैविक खेती में उत्पादन बढ़ाने के लिए रासायनिक खाद का उपयोग नहीं होता बल्कि गोबर तथा केंचुए से पैदा की गई प्राकृतिक खाद होती है. जो सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद होती है. ब्रोकली तथा चेरी टमाटर के पैदावार पर विशेष ध्यान देते हैं. उन्होंने आगे बताया कि ब्रोकली जो दिखने में गोभी की तरह होती है. वह कैंसर जैसी बीमारियों की रोकथाम में फायदेमंद बताई जाती है.

पढ़े- ओलावृष्टि ने फसलों को किया खराब, किसान कर रहे मुआवजे की मांग

जैविक खेती से होने वाली फसलें सेहत के लिए फायदेमंद
जैविक खेती करने वाले किसान गुरबीर सिंह की मानें तो जैविक खेती से पैदा होने वाली फसलें सेहत के लिए फायदेमंद है. क्योंकि जैविक खेती में फसलों के बचाव के लिए जिन कीटनाशकों का उपयोग होता है. वह रासायनिक नहीं होती है, जबकि मौजूदा दौर में जो अनाज लोग खा रहे हैं. उनमें रासायनिक कीटनाशकों, यूरिया खाद का उपयोग अधिक होता है. जो जहर के समान है और इसी जहर को खाकर लोग बीमार पड़ते हैं.

Intro:एटा। जिले के जिला पंचायत परिसर में गुरुवार को जनपद स्तरीय किसान मेले का आयोजन किया गया। इस मेले में जैविक खेती से पैदा हुई सब्जियां आकर्षण का केंद्र रही। मेले में जैविक खेती कर रहे किसानों ने अपनी सब्जियों का प्रदर्शन तो किया ही। साथ ही उसके फायदे भी बताएं।


Body:दरअसल जनपद स्तरीय एक दिवसीय किसान मेले में कई तरह के स्टाल लगाए गए थे। इन स्टालों में जैविक खाद, जैविक कीटनाशक तथा जैविक खेती द्वारा उत्पन्न की गई फसलें रखी गई थी। इस दौरान वह किसान भी मौजूद थे । जिन्होंने जैविक खेती कर अच्छा मुनाफा कमाने के साथ ही इसके फायदे भी देखें हैं। जिले के जैथरा क्षेत्र के जैविक खेती करने वाले युवा किसान सोनू चौहान जैविक खेती के फायदे बताते हुए कहते हैं कि इस खेती में खर्चा बहुत कम आता है और फसलों का उत्पादन बहुत ज्यादा है। जैविक खेती में उत्पादन बढ़ाने के लिए रासायनिक खाद का उपयोग नहीं होता बल्कि गोबर तथा केंचुए द्वारा पैदा की गई प्राकृतिक खाद होती है। जो सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद होती है। जैविक खेती के माध्यम से सोनू चौहान विभिन्न किस्म की सब्जियां पैदा करते हैं। लेकिन विशेष तौर पर ब्रोकली तथा चेरी टमाटर के पैदावार पर विशेष ध्यान देते हैं। बताया जा रहा है कि ब्रोकली जो दिखने में गोभी की तरह होती है। वह कैंसर जैसी बीमारियों की रोकथाम में फायदेमंद बताई जाती है। इसके अलावा चेरी टमाटर की खेती एक फुलवारी की तरह होती है। जो देखने में काफी खूबसूरत लगती है। इसके साथ ही आम टमाटर की अपेक्षा इसकी पैदावार भी अधिक होती है। जिससे मुनाफा काफी होता है। इसके अलावा जैविक खेती करने वाले किसान गुरबीर सिंह की मानें तो जैविक खेती से पैदा होने वाली फसलें सेहत के लिए फायदेमंद है। क्योंकि जैविक खेती में फसलों के बचाव के लिए जिन कीटनाशकों का उपयोग होता है । वह रासायनिक नहीं होती है। जबकि मौजूदा दौर में जो अनाज लोग खा रहे हैं । उनमें रासायनिक कीटनाशकों, यूरिया खाद का उपयोग अधिक होता है । जो जहर के समान है और इसी जहर को खाकर लोग बीमार पड़ते हैं।
बाइट: सोनू चौहान (किसान)
बाइट: गुरबीर सिंह (किसान)


Conclusion:जनपद स्तरीय किसान मेले में जहां एक तरफ जैविक खेती में इस्तेमाल होने वाले जैविक खाद के स्टाल लगाए गए है। वही दूसरी तरफ जैविक खेती द्वारा पैदा की गई ऐसी सब्जियां भी रखी गई है । जो कई गंभीर बीमारियों में काफी फायदेमंद बताई जा रही है।
पीटूसी:वीरेन्द्र
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