एटाः जनपद के जिला पंचायत परिसर में गुरुवार को किसान मेले का आयोजन किया गया. इस मेले में जैविक जैविक खेती कर रहे किसानों ने अपनी सब्जियों का प्रदर्शन और साथ ही उसके फायदे भी बताएं. एक दिवसीय किसान मेले में कई तरह के स्टाल लगाए गए थे. इन स्टालों में जैविक खाद, जैविक कीटनाशक तथा जैविक खेती से उत्पन्न फसलें रखी गई थी. मेले में कई किसान भी मौजूद थे, जिन्होंने जैविक खेती कर अच्छा मुनाफा कमाया था.
जैविक खेती के फायदे
जैथरा क्षेत्र के जैविक खेती करने वाले किसान सोनू चौहान ने जैविक खेती के फायदे बताते हुए कहा इस खेती में खर्चा बहुत कम आता है और फसलों का उत्पादन बहुत ज्यादा है. जैविक खेती में उत्पादन बढ़ाने के लिए रासायनिक खाद का उपयोग नहीं होता बल्कि गोबर तथा केंचुए से पैदा की गई प्राकृतिक खाद होती है. जो सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद होती है. ब्रोकली तथा चेरी टमाटर के पैदावार पर विशेष ध्यान देते हैं. उन्होंने आगे बताया कि ब्रोकली जो दिखने में गोभी की तरह होती है. वह कैंसर जैसी बीमारियों की रोकथाम में फायदेमंद बताई जाती है.
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जैविक खेती से होने वाली फसलें सेहत के लिए फायदेमंद
जैविक खेती करने वाले किसान गुरबीर सिंह की मानें तो जैविक खेती से पैदा होने वाली फसलें सेहत के लिए फायदेमंद है. क्योंकि जैविक खेती में फसलों के बचाव के लिए जिन कीटनाशकों का उपयोग होता है. वह रासायनिक नहीं होती है, जबकि मौजूदा दौर में जो अनाज लोग खा रहे हैं. उनमें रासायनिक कीटनाशकों, यूरिया खाद का उपयोग अधिक होता है. जो जहर के समान है और इसी जहर को खाकर लोग बीमार पड़ते हैं.