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एटा: कांग्रेस के 72 हजार पर भारी पड़े मोदी के 6 हजार

लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस द्वारा किसानों से किए गये 72 हजार देने के वादे को तरजीह नहीं मिली. किसानों ने कांग्रेस के 72 हजार रुपये के बदले बीजेपी के 6 हजार रुपये वाली स्कीम को तरजीह दी. जो कांग्रेस की हार का सबसे बड़ा कारण माना जा रहा है.

कांग्रेस की हार का कारण बताते किसान
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Published : May 28, 2019, 5:32 PM IST


एटा: देश में बनने जा रही मोदी सरकार को लेकर जिले के किसानों में खुशी की लहर है. चुनाव के दौरान किसानों ने कांग्रेस के 72 हजार को तरजीह नहीं दी. किसानों ने मोदी सरकार के प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत मिलने वाले 6 हजार रुपयों को तरजीह दी है. यही कारण रहा है कि एक बार फिर देश में पूर्ण बहुमत की भाजपा सरकार आई है.

किसानों ने कांग्रेस की 72,000 की योजना को नकार दिया.


72 हजार पर भारी पड़े 6 हजार ...

  • एटा जिले के किसान नई भाजपा सरकार को लेकर उत्साहित हैं और उम्मीद लगाए बैठे हैं, कि नई सरकार किसान हित में योजनाएं लाएगी.
  • लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा की जीत में किसानों का बड़ा हाथ दिखाई पड़ता है. शायद इसीलिए भाजपा कि नई सरकार से किसानों को उम्मीदें भी ज्यादा हैं.
  • गांवों में चर्चा का बाजार गर्म है कि इस बार की मोदी सरकार किसानों के लिए क्या नया लेकर आएगी.
  • किसानों को कांग्रेस पर भरोसा नहीं था. उसके पीछे का कारण यह बताया जा रहा है कि भाजपा से पहले ज्यादातर समय देश में कांग्रेस की ही सरकार रही है.
  • किसानों का तो दावा यहां तक रहा कि राहुल गांधी ने जो 72 हजार देने का वादा किया था, वह उन्हें पसंद नहीं आया. जिसके चलते कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा.


किसानों को उम्मीद है कि जो मोदी सरकार ने पिछली बार 15 लाख देने का वादा किया था. वह अभी तक नहीं मिले हैं. इस बार की सरकार से15 लाख रुपए मिलने की उम्मीद है. वहीं कुछ किसान यह भी मानते हैं, कि 5 साल में किसानों के लिए मोदी जी ने बहुत कुछ किया है. लेकिन निचले स्तर पर काफी समस्या हैं. जो योजनाएं आती हैं वह अधिकारियों व प्रधान के करीबियों को पहले मिलती हैं.


एटा: देश में बनने जा रही मोदी सरकार को लेकर जिले के किसानों में खुशी की लहर है. चुनाव के दौरान किसानों ने कांग्रेस के 72 हजार को तरजीह नहीं दी. किसानों ने मोदी सरकार के प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत मिलने वाले 6 हजार रुपयों को तरजीह दी है. यही कारण रहा है कि एक बार फिर देश में पूर्ण बहुमत की भाजपा सरकार आई है.

किसानों ने कांग्रेस की 72,000 की योजना को नकार दिया.


72 हजार पर भारी पड़े 6 हजार ...

  • एटा जिले के किसान नई भाजपा सरकार को लेकर उत्साहित हैं और उम्मीद लगाए बैठे हैं, कि नई सरकार किसान हित में योजनाएं लाएगी.
  • लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा की जीत में किसानों का बड़ा हाथ दिखाई पड़ता है. शायद इसीलिए भाजपा कि नई सरकार से किसानों को उम्मीदें भी ज्यादा हैं.
  • गांवों में चर्चा का बाजार गर्म है कि इस बार की मोदी सरकार किसानों के लिए क्या नया लेकर आएगी.
  • किसानों को कांग्रेस पर भरोसा नहीं था. उसके पीछे का कारण यह बताया जा रहा है कि भाजपा से पहले ज्यादातर समय देश में कांग्रेस की ही सरकार रही है.
  • किसानों का तो दावा यहां तक रहा कि राहुल गांधी ने जो 72 हजार देने का वादा किया था, वह उन्हें पसंद नहीं आया. जिसके चलते कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा.


किसानों को उम्मीद है कि जो मोदी सरकार ने पिछली बार 15 लाख देने का वादा किया था. वह अभी तक नहीं मिले हैं. इस बार की सरकार से15 लाख रुपए मिलने की उम्मीद है. वहीं कुछ किसान यह भी मानते हैं, कि 5 साल में किसानों के लिए मोदी जी ने बहुत कुछ किया है. लेकिन निचले स्तर पर काफी समस्या हैं. जो योजनाएं आती हैं वह अधिकारियों व प्रधान के करीबियों को पहले मिलती हैं.

Intro:एंकर

देश में बनने जा रही मोदी सरकार को लेकर जिले के किसानों में खुशी की लहर है । चुनाव के दौरान किसानों ने कांग्रेस के 72 हजार को तरजीह न देते हुए । मोदी सरकार के प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत मिलने वाले 6 रुपयों को तरजीह दी है। यही कारण रहा है कि एक बार फिर देश में पूर्ण बहुमत की भाजपा सरकार आई है। जिले के किसान नई भाजपा सरकार को लेकर उत्साहित हैं और उम्मीद लगाए बैठे हैं कि नई सरकार किसान हित में योजनाएं लाएगी।


Body:वीओ- 1-लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा की जीत में किसानों का बड़ा हाथ दिखाई पड़ता है। शायद इसीलिए भाजपा कि नई सरकार से किसानों को उम्मीदें भी ज्यादा है। एक तरफ जहां खेतों से गेहूं कट चुके हैं, किसान फुर्सत में है। वहीं दूसरी तरफ जल्द ही भाजपा की नई सरकार बनने वाली है। गांव में चर्चा का बाजार गर्म है कि इस बार की मोदी सरकार किसानों के लिए क्या नया लेकर आएगी। बताया जा रहा है कि ज्यादातर किसानों के खातों में मोदी सरकार की तरफ से दिए गए 2 हजार रुपए की किस्त आ चुकी है। बाकी बचे हुए पैसे जल्द ही आ जाएंगे। किसानों को काग्रेस पर भरोसा नहीं था । उसके पीछे का कारण यह बताया जा रहा है कि भाजपा से पहले ज्यादातर समय देश में कांग्रेस की ही सरकार रही। लेकिन जो काम कांग्रेस को करना चाहिए था। वह नहीं कर सकी। किसानों का तो दावा यहां तक रहा कि राहुल गांधी ने जो 72 हजार देने का वादा किया था। वह उन्हें पसंद नहीं आया। जिसके चलते कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा। आने वाले समय में किसानों को भाजपा सरकार से कई तरीके की उम्मीदें हैं। जिसमें प्रमुख रूप से फसलों की उचित कीमत की बात की जा रही है।
बाइट:सुवरन सिंह ( किसान)
बाइट:राजू (किसान)
वीओ-2- इतना ही नहीं किसानों को तो यहां तक उम्मीद है कि जो मोदी जी ने पिछले बार 15 लाख देने का वादा किया था। वह अभी तक नहीं मिले हैं। इस बार की सरकार में 15 लाख रुपए मिलने की उम्मीद है। वही कुछ किसान यह भी मानते हैं कि 5 साल में किसानों के लिए मोदी जी ने बहुत कुछ किया है । लेकिन निचले स्तर पर काफी समस्या है। जो योजनाएं आती है वह अधिकारियों व प्रधान के करीबियों को पहले मिलती है।
बाइट:शांति स्वरूप (किसान)
बाइट:अंगद सिंह (किसान)
पीटूसी


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