एटा: जिले के विभिन्न सरकारी विभागों में तैनात 107 कर्मचारी खुलेआम निर्वाचन आयोग के निर्देशों की अवहेलना कर रहे हैं. निर्वाचन आयोग के निर्देशों की धज्जियां उड़ाने में सबसे आगे शिक्षा विभाग के अध्यापक हैं. इन कर्मचारियों ने राष्ट्रीय महत्व के कार्य यानी कि मतदाता सत्यापन को भी करने से इंकार कर दिया है. जिसके बाद मामले में कड़ा रुख दिखाते हुए जिला प्रशासन ने 107 कर्मचारियों के वेतन पर रोक लगा दी है.
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निर्वाचन आयोग के निर्देशों की अवहेलना कर रहे शिक्षा विभाग के कर्मचारी
- भारत निर्वाचन आयोग ने 1 सितंबर से पूरे भारत में एक साथ मतदाता सत्यापन कार्यक्रम चलाने के निर्देश दिए थे.
- इसके तहत जिले में भी मतदाता सत्यापन कार्यक्रम चलाया जाना था.
- मतदाता सत्यापन कार्य की जिम्मेदारी बीएलओ को दी जाती है.
- बीएलओ की जिम्मेदारी सबसे ज्यादा अध्यापक निभाते हैं, इसीलिए उन्हें इसके लिए नियुक्त किया जाता है
- इसके साथ ही किसी को भी ड्यूटी से छूट देने से मना कर दिया गया था.
- शिक्षा विभाग के 90% शिक्षक शामिल है, जिन्हें बीएलओ की जिम्मेदारी दी गई थी.
- शिक्षकों को मतदाता सत्यापन का कार्य समय पर पूरा करना था.
- शिक्षकों ने काम करना तो दूर ड्यूटी रिसीव करने से भी मना कर दिया.
- प्रशासन ने शिक्षकों की लापरवाही पर सख्त कदम उठाते हुए सभी 107 सरकारी कर्मचारियों का वेतन रोक दिया है.
आए दिन मतदाता सूची में दर्ज मतदाताओं के नाम,उम्र में भारी गलतियां देखने को मिलती थी, जिससे मतदाताओं को मतदान के समय काफी दिक्कतें आती थी. इन्हीं तमाम दिक्कतों को दूर करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने मतदाता सत्यापन कार्यक्रम की शुरुआत 1 सितंबर से की थी. लेकिन सरकारी कर्मचारियों की उदासीनता इस पर भारी पड़ रही है. करीब 2 महीने पूरे होने को हैं, लेकिन इस कार्य की शुरुआत भी उचित ढंग से नहीं हो पाई है.
-केशव प्रसाद, एडीएम वित्त