एटा: जिला कारागार प्रशासन कोरोना वायरस के चलते किसी भी तरह के आपातकाल स्थिति से निपटने के लिए सतर्क हो गया है. यहां कैदी रोज करीब डेढ़ सौ मास्क बना रहे हैं. जेल में बंद बंदी समेत अन्य लोगों को यहीं मास्क पहनने के लिए दिया जा रहा है. जेल प्रशासन ने बंदियों से मिलने के दिन और संख्या में भी भारी कटौती की है.
कैदियों के खानपान में भी भारी बदलाव किया गया है. हर दिन आने-जाने वालों को सैनिटाइज किया जा रहा है. जेल की मेडिकल टीम बंदियों से मिलने वाले लोगों की पहले जांच करती है, उसके बाद उन्हें कैदियों से मिलने दिया जाता है.
प्रशासन हुआ अलर्ट
जेल में करीब 1,208 कैदी मौजूदा समय में बंद हैं. जेल की क्षमता मौजूदा कैदियों के आधे के करीब है. कैदियों को कोरोना वायरस से कैसे बचाया जाए, कैसे उनकी सुरक्षा हो, इसके लिए जेल प्रशासन ने पूरा रोडमैप तैयार कर लिया है. जेल प्रशासन ने जो रोडमैप तैयार किया है, उसमें प्रमुख रूप से एक टास्क फोर्स का गठन किया गया है. यह रोजाना जेल के अंदर बने बैरिकों में बंद कैदियों की जांच करेगा.
सर्दी-जुखाम बुखार से पीड़ित होने पर उन्हें अन्य कैदियों से अलग कर दिया जाएगा. बंदियों से मुलाकात करने के लिए जेल प्रशासन ने नियम बना दिया है. बंदियों से मिलने के लिए पहुंचने वाले लोगों को सबसे पहले मास्क लगाना होगा. इसके बाद जेल के अंदर उनके हाथ धुलाने की व्यवस्था की गई है. कैदियों से मुलाकात भी एक निश्चित दूरी पर रह कर ही उनके परिजन कर सकेंगे. इतना ही नहीं जहां पहले हफ्ते में तीन दिन मुलाकातें हुआ करती थी, वहां अब महज सिर्फ एक दिन ही परिजन कैदियों से मिलने पहुंच सकेंगे.
सर्दी-जुखाम से पीड़ित 12 से अधिक कैदियों को अलग किया गया. कोरोना वायरस की स्थिति को देखते हुए जेल प्रशासन किसी प्रकार का जोखिम उठाना नहीं चाहता. यहीं कारण है कि जेल में बंद करीब 18 से 20 कैदियों को अलग कर दिया गया है. इसके अलावा जेल में 6 बेड का एक आइसोलेशन वार्ड भी बनाया गया है.
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